पंचकुला । केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसानों ने विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली कूच का ऐलान किया था. इसी के चलते हजारों की संख्या में किसान एकत्रित हो गए और दिल्ली की ओर बढ़ने लगे. हरियाणा सरकार ने किसानों को दिल्ली कूच करने से रोकने के लिए हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर और आसपास लगते सभी बॉर्डर को सील कर दिया था.
साथ ही किसानों को सड़क मार्ग से गुजरने से रोकने के लिए अनेक स्थानों पर मार्गो में बाधाएं खड़ी कर दी थी. इसके लिए बड़े-बड़े पत्थर और पेड़ रोड पर अड़ा दिए गए. कई स्थानों पर हरियाणा सरकार द्वारा सड़के भी खोद दी गई. सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बना दिए गए. जिससे सरकारी संपत्ति को बहुत अधिक नुकसान हुआ है. हरियाणा सरकार ने सड़क मार्गों का विध्वंस कर सरकारी संपत्ति को बहुत अधिक क्षति पहुंचाई है.
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस
अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को आड़े हाथों लिया है. 1984 एक्ट के अनुसार सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना गैर कानूनी अपराध है. जिसके लिए कम से कम 5 वर्ष की कैद की सजा एवं जुर्माना बनता है.
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील रविंद्र सिंह ढुल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, मुख्य सचिव एवं DGP हरियाणा को 25 नवंबर से 27 नवंबर 2020 के बीच गैर कानूनी रूप से सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए रिकवरी का नोटिस भेजा है. इस नोटिस के अनुसार इन लोगों ने गैर कानूनी रूप से राज्य की सड़कों को तोड़ा है और 1984 एक्ट के कानून के अनुसार संघीय अपराध किया है.
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