पंचकूला । हरियाणा सरकार ने ओर अधिक पारदर्शिता लाने हेतु पंचायती राज संस्थाओं के तहत होने वाले विकास कार्यों हेतु नियमों में संशोधन किया है. अब सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य 5 लाख के कार्य विभागीय स्तर पर करा सकेंगे.
5 लाख से ऊपर की राशि के निर्माण कार्य ईटेंडरिंग के माध्यम से करवाए जाएंगे
बता दे कि इसमें ऊपर की राशि के निर्माण कार्य ईटेंडरिंग के माध्यम से करवाए जाएंगे. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग में इस संबंध में व्यापक चर्चा के बाद 5 लाख से ऊपर की राशि के कार्यों के लिए ईटेंडरिंग की व्यवस्था अनिवार्य कर दी गई. पहले पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि अपनी मर्जी से निर्माण कर अपने चहेते ठेकेदारों को अलॉट करके करवाते थे. सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देशों के तहत 5 लाख तक की राशि के निर्माण कार्य को पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि स्वयं या किसी ठेकेदार के माध्यम से तथा पंचायत इंजीनियरिंग विभाग से भी करवा सकेंगे.
टेक्निकल अप्रूवल मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जायेगा
सरकार की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार जिन कार्यों के लिए टेक्निकल अप्रूवल मिल जाते हैं वह कार्य पंचायती राज इंजीनियरिंग विंग के माध्यम से भी कराए जा सकते हैं. सभी विकास कार्यों के वित्त और खर्च आदि का विभाग द्वारा विधिवत लेखा-जोखा रखा जायेगा. पहले नियम 134 के तहत कितनी राशि के कार्यों को खुद या किसी भी पंचायती राज संस्था द्वारा बिना टेंडर के कराया जा सकता था. इससे भ्रष्टाचार की शिकायतें अक्सर मिलती रहती थी.
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