हिसार । हिसार के बरवाला क्षेत्र में बिजली का उत्पादन ठप हो गया है. बरवाला के नजदीक स्थित राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट की 600-600 MW कि दोनों यूनिटी बंद हो गई हैं. इन दोनों यूनिटों के बंद हो जाने की वजह से दोनों यूनिटों द्वारा बिजली पैदा नहीं हो पा रही है. बता दें कि यूनिट नंबर 1 एक महीने से नो डिमांड के कारण बंद पड़ी है. दूसरी ओर यूनिट नंबर 2 भी पौने दो महीने से टरबाइन में किसी प्रकार की तकनीकी समस्या आने की वजह से नहीं चल रही है.
यूनिट नंबर 2 पावर प्लांट की टरबाइन की समस्या का निवारण करने हेतु हरियाणा पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के इंजीनियर कार्य कर रहे हैं. यह कार्य स्थानीय इंजीनियरों के द्वारा ही किया जा रहा है. यूनिट नंबर 2 की ओवरहालिंग भी की जानी है. फिलहाल इस थर्मल पावर प्लांट में 490 कर्मचारी कार्यरत हैं. थर्मल प्रशासन के अनुसार थर्मल पावर प्लांट में चाहे बिजली का उत्पादन हो या ना हो इन कर्मचारियों का कार्य लगातार चलता रहता है.
बेफिजूल खर्च पर लगाई जाए लगाम
थर्मल पावर प्लांट की दो यूनिटें हैं और दोनों ही बंद हैं. इस बारे में ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर यूनियन के सर्कल के महासचिव संदीप सहारण जी ने जानकारी देते हुए कहा है कि अब थर्मल पावर प्लांट को अपने बेफिजूल के खर्चे पर लगाम लगानी होगी. जब तक ट्रांसपोर्ट या और भी कई प्रकार के अनावश्यक व्यय पर लगाम नहीं लगाई जाएगी तब तक यूनिट का रेट डाउन नहीं आएगा. अनावश्यक खर्चों पर अंकुश लगाने से यूनिट का रेट डाउन होगा.
रेट के डाउन होने से डिमांड में बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि खेदड़ के थर्मल पावर प्लांट में कोयले को लाने का खर्चा ही बहुत अधिक है. कोयले को लाने में बहुत अधिक किराया लग जाता है. यूनिट पर इसका भी प्रभाव पड़ता है. जो थर्मल पावर प्लांट कोयले की खदानों के पास है उनका खर्चा कम होता है इसलिए यूनिट रेट भी कम होता है.
कच्चे कर्मचारियों पर पड़ता है बुरा असर
एसोसिएशन ने कहा कि थर्मल प्लांट में बिजली का उत्पादन बंद हो जाने से कच्चे कर्मचारियों पर इसका प्रभाव पड़ता है. कच्चे कर्मचारी वह होते हैं जो आउटसॉर्टिंग पर भर्ती किए जाते हैं. जैसे ही थर्मल पावर प्लांट बंद होता है वैसे ही इन कच्चे कर्मचारियों में छटनी शुरू हो जाती है. इस प्रकार उत्पादन बंद हो जाने से इन कच्चे कर्मचारियों पर बुरा असर पड़ता है. लेकिन पक्के कर्मचारियों पर जिनकी संख्या पहले से ही बहुत कम है, उन पर इसका कोई असर नहीं पड़ता और अब तो काफी लंबे समय से भर्ती भी नहीं की गई है. काफी महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े हैं. सरकार को चाहिए कि वह नई भर्तियां आरंभ करें.
जिस पावर प्लांट का रेट कम उसी की बिकेगी बिजली
बिजली वितरण निगम उसी थर्मल पावर प्लांट से बिजली खरीदता है जिस थर्मल पावर प्लांट की प्रति यूनिट दर कम होती है. थर्मल पावर प्लांट द्वारा हर माह की 8 तारीख को प्रति यूनिट दर की घोषणा की जाती है. बिजली दर की बात करें तो खेदड़ पावर प्लांट का प्रति यूनिट रेट सबसे अधिक है. खेदड़ पावर प्लांट का प्रति यूनिट बिजली रेट तीन रुपए 52 पैसे हैं. पानीपत थर्मल पावर प्लांट का बिजली रेट प्रति यूनिट 3 रुपये 51 पैसे हैं. यमुनानगर थर्मल पावर प्लांट का प्रति यूनिट रेट 3 रुपये 36 पैसे हैं. आंध्र प्रदेश के थर्मल पावर प्लांट का बिजली दर प्रति यूनिट रेट 3 रुपये 29 पैसे हैं.
पावर प्लांट उत्पादन के लिए तैयार
हरियाणा पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधीन राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट खेदड़ के चीफ इंजीनियर मोहम्मद इकबाल जी से जब यह प्रश्न किया गया कि दोनों यूनिटों को चलाने में क्या समस्या आ रही है तो उन्होंने जवाब दिया कि किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है. हम लोग इसके लिए बिल्कुल तैयार हैं. जैसे ही डिमांड आती है वैसे ही यूनिट नंबर 1 को लाइट अप कर दिया जाएगा और बिजली का उत्पादन आरंभ हो जाएगा. लेकिन यूनिट नंबर 2 का ओवरहीलिंग किया जा रहा है. इस काम में अभी करीबन डेढ़ महीना और लग सकता है.
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