फरीदाबाद | लाल डोरा की व्यवस्था 1980 में बनाई थी, उस समय खेती बाड़ी की जमीन और गांव की आबादी को दिखाने के लिए नक़्शे पर आबादी के बाहर लाल लाइन खींच दी जाती थी इसी लाल लाइन की वजह से इसके अंतर्गत आने वाली जमीन या क्षेत्र लाल डोरा कहलाने लगा. व्यवस्था खासकर दिल्ली और उसके आस पास के इलाको के इलाको में लागू थी. लाल डोरा के अंतर्गत आने वाली जमीन या मकान नगर पालिका के कायदे क़ानून से बाहर होती थी. यहां के लोग बिना नक्शा पास किये अपनी जरुरत और सुविधा के अनुसार घर बनाते थे.
लाल डोरा व्यवस्था में जहां एक और फायदे थे तो दूसरी और उसके नुकसान भी थे. यहां के लोग की जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पाती थी जिससे लोग अपनी जमीन या माकन बेच नहीं पाते थे. साथ ही, इस जमीन पर लोगो को लोन भी नहीं मिल पाता था. यहां के लोगो को नगर पालिका द्वारा दी गयी सुविधा भी प्राप्त नहीं हो पाती थी लेकिन, अब हरियाणा सरकार ने लाल डोरा व्यवस्था को बंद करने के बारे में सोच लिया है. यह अंग्रेजो द्वारा चलायी गयी प्रथा थी जिसे अब मौजूदा सरकार ने इसे बंद करने का निर्णय लिया है.
इसमें फरीदाबाद के पांच पंचायतों को लाल डोरा मुक्त कर दिया जायेगा. लाल डोरा मुक्त योजना के तहत काम शुरू हो चुका है. इसमें इन गावो की ड्रोन मैपिंग की जाएगी तथा गांव की हद में चूना डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इससे अब लाल डोरा में आने वाले लोग अपनी जमीन के मालिक बन पाएंगे. साथ ही, मकान व जमीन की रजिस्ट्री भी करवा पाएंगे और उन्हें लोन भी मिल सकेगा. इसके साथ ही वे अपने मकान आसानी से बेच पाएंगे. खंड विकास अधिकारी नवनीत कौर का कहना है कि यदि ग्रामीणों को इस योजना लेकर कोई भी आपत्ति हो तो वो अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.
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