हरियाणा सरकार ने अपने हर विधायक के विधानसभा क्षेत्र में एक एक मॉडल संस्कृति स्कूल खोलने का निर्णय लिया है. जिसे विधायकों के लिए उपहार के रूप में देखा जा रहा है. प्रदेश सरकार ने इस तरह के करीब 2500 नए स्कूल खोलने का निर्णय लिया है. जिनमें बस्ता रहित स्कूल, बचपन प्ले स्कूल, अंग्रेजी मीडियम स्कूल तथा 123 मॉडल संस्कृति स्कूल शामिल हैं. हर विधानसभा क्षेत्र के विधायक द्वारा स्कूल की बिल्डिंग का चयन शिक्षा अधिकारियों के साथ निरीक्षण करके किया जाएगा.
तकनीक व उच्च योग्यता रखने वाले शिक्षकों द्वारा होगी पढ़ाई
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बढ़ते हुए अंग्रेजी के महत्व को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि इन संस्कृति स्कूलों में पहली से बाहरवीं तक की पढ़ाई अंग्रेजी मीडियम में होगी. इनमें उच्च योग्यता रखने वाले शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा. जिनका चयन पहले से सरकारी नौकरी लगे हुए अध्यापकों में से एक प्रतियोगिता परीक्षा करवाकर किया जाएगा. जिससे विद्यार्थियों को अच्छी एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके. वैसे तो ये स्कूल सरकारी होंगे. परन्तु, इस बार की समीक्षा के दौरान पता चला है कि सरकार द्वारा आयोजित एक बैठक में प्रस्ताव आया है कि थोड़ी फीस अभिभावकों से ली जानी चाहिए. अपितु जो बच्चे आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है उनके लिए विभाग अलग से रणनीति बनाने के बारे में सोच रहा है.
प्ले स्कूल भी बदलेंगे प्रदेश में शिक्षा की तस्वीर
बचपन स्कूलों की तर्ज पर सरकार ने प्रदेश में 1000 प्ले स्कूल खोलने का निर्णय लिया है जो 5 साल तक के बच्चों के भविष्य की नींव को मजबूत करेंगे. यह स्कूल प्रत्येक क्षेत्र के आंगनबाड़ी कार्यालय से जुड़े होंगे. अर्थात आंगनबाड़ियों को ही स्कूलों का रूप दिया जाएगा जिससे अतिरिक्त वित्तीय बोझ प्रशासन पर न पड़े. साथ ही, सरकार ने 1400 बस्तारहित स्कूल खोलने का भी निर्णय लिया है. जिसमे इसी तर्ज पर लगभग 400 स्कूलों का संचालन भी शुरू हो गया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसकी सूचना विधायकों के साथ हई एक बैठक में दी. सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में अवश्य ही मील का पत्थर साबित होता नजर आ रहा है.
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