हरियाणा सरकार ने रजिस्ट्री में बढ़ते भ्रष्टाचार को देखते हुए 22 जुलाई से 5 अगस्त तक सभी प्रकार की जमीन की रजिस्ट्रियों और ट्रांसफर डीड पर रोक लगा दी है. ताकि सरकार इस दौरान इन कार्यों में हो रही धांधली का पता लगा सके, क्योंकि पहले भी इस मामले में भ्रष्टाचार व धांधली के आरोप लगते रहे हैं. जिसको देखते हुए सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को शुरू किया था. परन्तु इस कार्यवाही के बावजूद भी धांधली ज्यों की त्यों बनी रही तथा नतीजे सिफ़र रहे.
इस बारे में लगातार शिकायतें हरियाणा सरकार को मिल रही थीं और इसलिए ही सरकार ने शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 15 दिन के लिए सभी प्रकार की रजिस्ट्री पर रोक लगाने का फैसला किया है. 15 दिन के अंदर रजिस्ट्री की प्रक्रिया में उत्पन्न खामियों को दूर किया जाएगा. तकनीक को दुरुस्त करके सरकार एक ऐसा सिस्टम बनाएगी, जिससे कि 15 दिन के बाद जब रजिस्ट्री शुरू होगी तो उसमें किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार की गुंजाइश न रहे.
उन लोगों को इससे राहत देने की खबर है जो 22 जुलाई से पहले सेल एग्रीमेंट को रजिस्टर करवा चुके हैं. इसलिए सिर्फ उनकी ही रजिस्ट्री 22 जुलाई से 15 अगस्त तक हो सकेगी लेकिन इसके लिए जिले के रजिस्ट्रार की अनुमति लेनी अनिवार्य होगी. साथ ही, हरियाणा सरकार ने फैसला लिया है कि जिन ई-स्टाम्प चालान की वैधता 22 जुलाई से 15 अगस्त के बीच खत्म हो रही है, उनकी वैधता एक महीने के लिए बढ़ी हुई मानी जाएगी जिससे आमजनमानस को असुविधा न हो.
फिलहाल रजिस्ट्रियां बंद करने की जानकारी सभी जिला उपायुक्तों, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को भी दे दी गई है ताकि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया के बारे में संज्ञान ले सकें. सरकार के इस आदेश से माना जा रहा है कि वर्षों पुरानी रजिस्ट्री प्रक्रिया और हस्तांतरण की व्यवस्था में आई खामियों को अब दूर कर पुरानी प्रक्रिया में बदलाव किया जाएगा.