प्रदेश में सभी ग्रामीण एवं शहरी राशनकार्ड धारकों के लिए अच्छी खबर है. जो गेहूं, चावल, चीनी, दाल, सरसों का तेल जैसी जरूरी चीजों के लिए अपने डिपो पर निर्भर हैं क्योंकि यह सामान उन्हें यहां बाजार की तुलना में बहुत किफायती दामों में मिल जाता है. अभी प्रदेश में लगभग 9 हज़ार सरकारी राशन दुकानें हैं जो ग्राहकों को ये सामान उपलब्ध करवाती हैं. वहीं दूसरी तरफ राज्य का खाद्य एवं आपूर्ति विभाग इन जरूरतमंद ग्राहकों को और अधिक आर्थिक फायदा पहुंचाने की कवायद में जुटा है जिससे उन्हें उनकी जेब के मुताबिक दामों में रोजमर्रा का सामना उपलब्ध हो जाये.
हरियाणा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि सरकार राशन डिपो का सामग्री उपलब्धता स्तर पर और अधिक विस्तार करने के बारे में सोच रही है अर्थात राशन डिपो में सुपर मार्केट की तर्ज पर सभी जरूरी चीजें उपलब्ध हों जिससे लोगों को सामान के लिए इधर उधर न भटकना पड़े. इसके लिए विभाग ने इन डिपुओं पर बिस्कुट, टॉफी, चायपत्ती, मसाला, साबुन, सर्फ, नमकीन तथा अन्य रसोई का सामान भेजने की व्यवस्था करने की योजना बनाई है. इस सामान को सरकार थोक में खरीदेगी जिससे लोगों को इसे उचित दामों पर उपलब्ध करवा सके.
लम्बे समय से डिपो संचालक भी कर रहे थे मांगें
प्रदेश में राशन डिपो का संचालन कर रहे करीब 9 हज़ार से ऊपर कर्मचारी भी अपने निश्चित मानदेय को लेकर कई दिनों से सरकार को ज्ञापन सौंप रहे हैं व साथ ही वे डिपो का भी विस्तार करने के बारे में मांग कर चुके हैं. जिसके ऊपर सरकार ने कार्य करना शुरू कर दिया है. सरकार के इस कदम से ग्राहकों में खुशी की लहर है क्योंकि प्रशासन ने उन्हें मदद देने का यह फैसला उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए किया है जो काफी सराहनीय है.
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