लंबी चर्चा के लिए ‘राइट टू रिकॉल’ टाल दिया गया है अब यह बिल अगले सत्र में पेश होगा. हरियाणा सरकार के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि सरकार मानसून सत्र में पंचायती राज से जुड़े महत्वपूर्ण बिल जिसमें की महिलाओं को 50% आरक्षण ,’राइट राइट टू रिकॉल’और बीसी A वर्ग को 8% चुनाव में आरक्षण देने को लेकर बिल पास नहीं किया गया.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इन बिलों पर लंबी चर्चा के लिए फिलहाल इन बिलो को टाल दिया गया है. आपको बता दें बाला ने बताया जब भी स्थिति सामान्य हो होगी और दोबारा विधानसभा में बुलाए जाएंगे तो दुष्यंत चौटाला इस बिल को चर्चा में पेश करेंगे.
उन्होंने बताया कि 1999 में चौधरी बंसीलाल ने पंचायती राज से ‘राइट टू रिकॉल’ की व्यवस्था को हटा दिया था. आपको बता दें हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ‘राइट टू रिकॉल’ बिल को विधानसभा में पेश किया था. इस राइट टू रिकॉल में यदि कोई व्यक्ति सरपंच गांव में अच्छा काम नहीं करता है या अपने पद का दुरुपयोग करता है. ऐसे में यदि 60% व्यक्ति उसके खिलाफ है तो उसे सरपंच पद से हटा दिया जाएगा.
विरोध भी हुआ शुरू
‘राइट टू रिकॉल’ की बात सुनकर सभी हरियाणा के लगभग सभी सरपंच चरमरा गए हैं. वह इकट्ठे होकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन करने शुरू कर दिए हैं. कुछ सरपंचों का मानना है कि यह बिल्कुल गलत होगा ‘राइट टू रिकॉल’ में कोई भी सरपंच अच्छी तरह काम नहीं करवा पाए गा उसके ऊपर इस ‘राइट टू रिकॉल’ का बोझ रहेगा.
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