कोरोना महामारी के बीच एक साल में दोगुना हुई सरसों के तेल की कीमत

अंबाला । कोरोना महामारी के साथ-साथ लोगों को महंगाई की मार से भी जुझना पड़ रहा है. खाद्य तेल की कीमतों में पिछले एक साल के दौरान महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है. सबसे ज्यादा लागत वाले सरसों के तेल की कीमत बीते एक वर्ष के दौरान दुगुनी हो गई है. वहीं मूंगफली, सोयाबीन , रिफाइंड, सूरजमुखी और डालडा की कीमतें भी आसमान छू रही है.

sarso ka tel

सरसों तेल की बढ़ी कीमतों का असर खरीददारी पर भी पड़ा है जहां लोग पहले 5 से 10 लीटर तेल खरीदते थे वहीं अब एक लीटर तेल खरीदने पर मजबूर हो गए हैं. बाजारों में खरीददारी करने वाले लोगों का कहना है कि खाद्य तेल एवं घी सहित अन्य रसोई का सामान महंगा होने से रसोई का बजट बिगड़ गया है.

पिछले साल सरसों के तेल का खुदरा भाव 95 से 100 रुपए प्रति लीटर था जो अब बढ़कर 170 रुपए प्रति लीटर हो गया है. कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पडा है. वहीं दुकानदारों का कहना है कि एक तो लाकडाउन की वजह से पहले ही धंधा ठप्प हो गया है और बढ़ती मंहगाई से लोग खरीददारी में रुचि नहीं ले रहे हैं. ऐसे में उनके सामने भी धंधा चलाने की नौबत आ गई है. उन्होंने कहा कि रेट रातों-रात तो बढ़े नहीं है,भाव हर महीने रुटीन में बढ़े हैं. लोगों के कारोबार बंद पड़े हैं. हालांकि प्रशासन द्वारा समय-समय पर बढ़े दामों को लेकर दुकानों में जांच की जाती है लेकिन छोटे दुकानदारों पर कार्यवाही से क्या होगा. कार्यवाही करनी है तो बड़े मगरमच्छों पर होनी चाहिए ताकि असली कीमत का पता लग सके.

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