नई दिल्ली | आम आदमी को जल्द बड़ा झटका लग सकता है. मीडिया की चर्चित खबरों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार (Government of India) एक बार फिर से पेट्रोल डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी (Petrol Diesel Excise Duty) बढ़ाने का फैसला लेने जा रही है. सरकार 3 से 6 रुपये प्रति लीटर तक एक्साइज ड्यूटी बढ़ा सकती है. कुछ ही समय पहले सरकार ने मई माह के भीतर पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाने का निर्णय किया था.
पहले और अब के दाम
मुख्य रूप से मई 2014 में पेट्रोल पर कुल टैक्स 9 रूपए48 पैसे प्रति लीटर व डीजल पर 3 रूपए 56 पैसे प्रति लीटर था. उस समय से अब तक पेट्रोल पर टैक्स बढ़कर 32 रूपए 98 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर टैक्स 31 रूपए 83 पैसे प्रति लीटर है. केंद्र व राज्य सरकार के समय समय पर टैक्स बढ़ाने से कच्चे तेल के दाम घटने पर ग्राहकों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है, अपितु आम जनता को पैट्रोल व डीजल के लिए पहले से अधिक खर्च करना पड़ रहा है.
राहत पैकज का फायदा या नुकसान
सरकार तीसरे राहत पैकेज को लाने में अब पुरी तरह से सक्षम है, किन्तु इस महामारी के दौर में सरकार को अधिक फंड्स की आवश्यकता है.यही एक मात्र कारण है कि सरकार इसकी भरपाई टैक्स अर्थात एक्साइज ड्यूटी के द्वारा करना चाहती है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गिरे दाम
लगभग 3 से 6 रुपये प्रति लीटर तक एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. किन्तु सरकार चाहती है कि टैक्स बढ़ने के बाद पेट्रोल डीज़ल महंगा नहीं होना चाहिए. इस मामले में सरकार अपने स्तर पर एक नई योजना पर काम कर रही है. खबरो के आधार पर हम कह सकते हैं कि कच्चे तेल के दाम गिरने के बाद पेट्रोल डीज़ल के दाम जिस स्तर पर होने चाहिए थे, वह अब नहीं होंगे.अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 45 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिरकर 40 डॉलर प्रति बैरल पर आ कर अटक गए हैं. इस दौरान सरकार इसका फायदा उठाना चाहती है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!