नई दिल्ली | कड़क चाय अदरक के बिना अधूरी होती है, सर्दियों के मौसम में अदरक का ज्यादा प्रयोग किया जाता है. वही साथ ही कई सब्जियों में भी अदरक का प्रयोग किया जाता है. कोरोना काल में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा बनाने में भी अदरक का प्रयोग किया जा रहा है. बता दें कि इस साल जनवरी के बाद से अदरक की कीमतें बढ़ना शुरू हुई थी.
बाजार में बेची जा रही है नकली अदरक
भारत, चीन और यूरोप में अदरक की सबसे ज्यादा डिमांड है. यही वजह है कि बाजार में असली अदरक की जगह पर नकली अदरक बेची जा रही है. आप भी अदरक खरीदने के लिए बाजार जा रहे हैं तो सावधान रहें. बता दे कि अदरक के रूप में पहाड़ी पेड़ की जड़ को कच्चा अदरक बताकर बेचा जा रहा है. इसमें ना तो अदरक के गुण होते हैं ना ही अदरक का स्वाद. यह देखने में बिल्कुल अदरक से मिलता जुलता है.
बता दे कि इसे सुखाकर सोंठ के रूप में बाजारों में बेचा जाता है. पहाड़ी पेड़ की जड़ अदरक से सस्ती होती है जिसकी वजह से इसमें मुनाफा भी अधिक होता है. इसीलिए बाजार में इन दिनों अदरक के नाम पर पहाड़ी पेड़ की जड़ बेची जा रही है. आढ़ती भी पहाड़ी पेड़ की जड़ को कच्चा अदरक बता कर बेचते हैं. इसको पहचान पाना काफी मुश्किल होता है.
पहाड़ी जड़ व अदरक के बीच का अंतर
अगर आप बाजार से अदरक खरीदने जाए तो खुद तय करें. अदरक खरीदते समय ध्यान रखें कि अदरक की त्वचा पतली हो, जिसे नाखून गड़ाकर देखे तो त्वचा कट जाऐ. अदरक को सूंघ कर देखें और परखे की तीखी खुशबू आ रही है या नहीं. उसमें तीखी खुशबू आ रही है तो वह अदरक असली है. नहीं तो आप समझ जाइए कि आपको अदरक के नाम पर पहाड़ी पेड़ की जड़ बेची जा रही है. इसके अलावा भी आप असली अदरक को थोड़ा चख कर देख सकते हैं. स्वाद से आपको पता चल जाएगा कि यह असली है या नहीं.
यदि आप मिट्टी लगी हुई अदरक की जगह साफ कर रख लेना ज्यादा पसंद करते हैं, तो आप अपनी इस आदत को बदल डाले. यह आपकी सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकती है. आजकल दुकानदारों द्वारा अदरक को साफ करने के लिए एक प्रकार के एसिड का प्रयोग किया जा रहा है. एसिड की वजह से ही वह साफ नजर आती है.
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