चंडीगढ़ । हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के विरुद्ध टिप्पणी किए जाने का मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है. तहसीलदार का ड्राइवर इस मामले में बर्खास्त हो चुका था. अब वह ड्राइवर न्याय की उम्मीद लेकर हाईकोर्ट के दरवाजे पर गया है. हाई कोर्ट ने उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा के वित्त आयुक्त को तलब किया है.
वित्त आयुक्त के अतिरिक्त आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भी हाई कोर्ट में पेश होना पड़ेगा. वैसे सरकार की ओर से कोर्ट में दायर किए गए जवाब में कार्यकाल सही नहीं होने, अनुबंध के समाप्त हो जाने और दुष्यंत चौटाला के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले की पूर्ण जांच के पश्चात ही उसे बर्खास्त किए जाने की बात रखी गई है.
जाने पूरा मामला
यह पूरा मामला हिसार के हांसी शहर का है. यहां तहसीलदार के यहां सेवारत चालक पन्नालाल ने हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के विरुद्ध कोराना संक्रमण के संबंध में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके पश्चात हांसी के एसडीएम ने 15 दिसंबर 2020 को चालक पन्नालाल को उसके पद से हटाने के निर्देश जारी किए थे. आदेश में चालक को पद से हटाने का कारण बताते हुए लिखा गया था कि और आपके द्वारा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के विरुद्ध आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली गई है जो कि एक दंडनीय अपराध है. इसलिए आपको आपके पद से मुक्त किया जाता है. अब चालक ने इस फैसले के विरुद्ध पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.
ड्राइवर का तर्क
हाई कोर्ट में दी गई याचिका में पन्नालाल ड्राइवर ने कहा कि वह आउट सोर्स पॉलिसी के अंतर्गत ड्राइवर के पद पर कार्य करता था. उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के खिलाफ सोशल मीडिया पर जिस आपत्तिजनक पोस्ट को आधार बनाकर उसे उसके पद से हटाया गया है, वह उनके उपमुख्यमंत्री बनने से पहले की पोस्ट है जो काफी पुरानी हो चुकी है. उसे बिना कोई नोटिस दिए और बिना किसी प्रकार की जांच किए सीधे पद से बर्खास्त करने का आदेश दे दिया गया. चालक पन्नालाल ने हाईकोर्ट से विनती की कि हाई कोर्ट उसकी बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगाएं और उसे बहाल करें. अब हाईकोर्ट ने चालक पन्नालाल की याचिका पर सुनवाई की है.
सरकार का जवाब
हाई कोर्ट में जस्टिस अनिल खेत्रपाल की पीठ ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है और पूछा कि क्यों ना सरकार के इस आदेश को रद्द कर दिया जाए. फिर मंगलवार को सुनवाई के दिन सरकार की ओर से भी जवाब दायर किया गया है. इसमें सरकार की ओर से कहा गया है कि ड्राइवर पन्नालाल की नियुक्ति केवल 1 वर्ष के लिए एक अनुबंध के तहत 23 मई 2018 को की गई थी. बाद में उनके कार्यकाल की अवधि को बढ़ा दिया गया था जो 25 जुलाई 2020 कर दी गई थी.
अब यह कार्यकाल की अवधि समाप्त हो चुकी है. इस स्थिति में ड्राइवर पन्नालाल अपनी बर्खास्तगी के आदेशों को चुनौती किस प्रकार दे सकता है. सरकार ने यह भी कहा कि इस अवधि के कार्यकाल में ड्राइवर पन्नालाल का कार्य संतोषजनक नहीं था. इसके पश्चात इंटरनेट मीडिया पर डिप्टी सीएम के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करना सेवा में रहते हुए कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता. इसकी पूर्ण रूप से जांच की जाने के पश्चात ही उसे अपने पद से बर्खास्त किया गया है. अब हाई कोर्ट में अगली सुनवाई की तारीख पर हरियाणा के राजस्व के अतिरिक्त आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल और वित्त आयुक्त को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.
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