चंडीगढ़ | वर्तमान समय में पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी (Snowfall) का असर अब मैदानी इलाकों में साफ़ तौर पर देखने को मिल सकता है. ऐसे में मौसम विभाग के अनुसार जारी किए गए अलर्ट के मुताबिक 17 जनवरी तक ज्यादा ठंड रहने की संभावना है. हरियाणा के कई जिलों में बीते बुधवार को भी दिन के तापमान में भारी गिरावट दर्ज़ की गई है.
यहां न्यूनतम तापमान केवल 6.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. ऐसे में अगर मौसम विभाग की बातो को गंभीरता से स्वीकार किया जाए तो हरियाणा में तापमान लगातार गिर सकता है. कड़ाके की ठंड में अब रात के साथ साथ दिन के तापमान भी गिरावट देखने को मिल रही है. वहीं अब अनुमान लगाया जा रहा है कि शीतलहर और धुंध 17 जनवरी तक बेहाल कर सकती है.
रिकॉर्ड तोड़ सकती है इस बार ठंड
मौसम विभाग के द्वारा सांझा किए गए आंकड़े स्पष्ट रूप से बताते हैं कि जनवरी माह में हर साल न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिलती हैं और यह 3.0 डिग्री तक लुढ़कता भी जरूर है. परन्तु, इस समय मौसम की जो परिस्थितियां बनी हुई हैं उससे संभावना जताई जा रही है कि सर्दी बार बीते वर्षो का रिकॉर्ड तोड़ सकती है. ऐसे में जनवरी माह की 20 तारीख़ तक न्यूनतम तापमान अब तक के सबसे निचले स्तर पर जा सकता है.
कड़ाके की ठंड पड़ने का आया मौसम
वहीं मौसम विशेषज्ञों की बार पर गौर करें तो इन दिनों ठंड अपनी चरम सीमा पर होती है, जब भी न्यूनतम तापमान 4.0 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाता है तो पाला जमने की संभावना पहले से भी अधिक हो जाती है. इस समय रात का तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस के नज़दीक बना हुआ है. इसमें काफी ज्यादा गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसे में कड़ाके की सर्दी पड़ने की पूरी स्थिति बनी हुई है.
फसलों का हो सकता है नुकसान
इस समय मौसम गेहूं की फसल के अनुकूल बना हुआ है, जितनी ज्यादा ठंड पड़ेगी उतना ही ज्यादा फायदा फसल को पहुंच सकता है ,किंतु यह ठंड काफी ज्यादा समय तक बरकरार रहनी चाहिए. अगर बात करें सरसों की फसल की तो, यह भी ठंड में अच्छे से लहला रही हैं, परंतु वहीं दूसरी ओर सब्जियों में आलू व टमाटर की फसल को तापमान का पारा गिरने पर नुकसान झेलना पड़ सकता है.
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