चंडीगढ़ । कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के साथ नई चुनोती बनकर सामने आई ‘ब्लैक फंगस’ नाम की बीमारी से निपटने के लिए हरियाणा सरकार सख्त कदम उठा रही है. खट्टर सरकार ने सबसे पहले इसे महामारी घोषित किया और फिर सभी मेडिकल कॉलेजों में इस बीमारी के मरीजों के लिए वार्ड बनाए. इसके बाद इलाज़ के लिए जरूरी दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए स्टॉक का तुरंत नियंत्रण किया. महामारी को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा सरकार ने दूरदर्शिता दिखाते हुए 7 हज़ार इंजेक्शन निर्माण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व उनकी टीम लगातार ‘ब्लैक फंगस’ के केसों व आवश्यक दवाओं की स्थिति पर नज़र बनाए हुए है.
हरियाणा सरकार ने 28 मई को सरकारी व सरकार द्वारा सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों को 7, निजी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में भर्ती मरीजों को 21, एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की आपूर्ति की थी. 31 मई तक सरकारी व सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों में 658, निजी मेडिकल कॉलेजों व अस्पताल में ‘ब्लैक फंगस’ के उपचाराधीन मरीजों के लिए 500 इंजेक्शन पर पहुंच गई. अब यह स्पष्ट हो चुका है कि आने वाले समय में जहां स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफ़ा होगा वहीं मरीजों की संख्या में कमी दर्ज की जाएगी.
कालाबाजारी को रोकने का प्रयास: ‘ब्लैक फंगस’ के मरीजों के इलाज की व्यवस्था शुरू होने के साथ ही हरियाणा सरकार ने दवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया ताकी इस बीमारी से राहत पाने के लिए कालाबाजारी को रोका जा सके. जिससे ‘ब्लैक फंगस’ के इलाज में काम आने वाली दवा एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कोई कमी न रहे. सरकार के इस प्रयास से ‘ब्लैक फंगस’ के मरीजों को बड़ी राहत मिली है.
तेजी से बढ़ाए गए इलाज के संसाधन: हरियाणा सरकार ने ‘ब्लैक फंगस’ के केस सामने आते ही सभी अस्पतालों को निर्देश दिए कि इस बीमारी के मरीज़ मिलते ही तुरंत मेडिकल कॉलेज में रैफर किया जाए. इस बीमारी से निपटने के लिए राज्य सरकार ने सबसे पहले मेडिकल कॉलेजों की क्षमता बढ़ाने के लिए 20-20 बेड के वार्ड तैयार किए गए और भविष्य की चुनोतियों को देखते हुए बेड की संख्या 75-75 कर दी. साथ ही जिला स्तर के सरकारी व निजी अस्पतालों में भी ‘ब्लैक फंगस’ के मरीजों के इलाज की व्यवस्था शुरू कर दी.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि कोरोना के नए म्यूटेंट में ब्लैक फंगस, येलो फंगस व्हाइट फंगस के केस भी सामने आ रहे हैं. हरियाणा में भी पिछले दिनों इस बीमारी के अचानक मरीज़ बढ़े, कोरोना के मद्देनजर सबसे पहले इस बीमारी को महामारी घोषित किया, ताकि राज्य के नागरिकों के बचाव लिए सभी जरूरी काम पूरे किए जा सके. ‘ब्लैक फंगस से बचाव के लिए प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में उपचार के सभी कार्य लगातार जारी हैं.
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा- कि सरकार प्रदेश में कोरोना व ब्लैक फंगस के मामलों की लगातार मोनिटरिंग कर रही है, विज ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार ब्लैक फंगस व कोरोना को लेकर लगातार गंभीर है इसके इलाज में उपयोग होने वाले इंजेक्शन को केंद्र की मदद से हरियाणा की मेडिकल टीम द्वारा जरूरतमंद मरीजों को दिया जा रहा है स्वास्थ्य विभाग के अफसर कोरोना व ब्लैक फंगस पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं.
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