चंडीगढ़ । हरियाणा में किसान आंदोलन के दौरान होने वाले नुकसान की भरपाई उन्हीं लोगों से पूरी की जाएगी, जिन्होंने संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है. हरियाणा सरकार द्वारा इस पर कानून बनाने का विचार किया जा रहा है. बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ऐसा कोई विधेयक पेश नहीं हो पाया, लेकिन गृह मंत्री अनिल विज कानून बनाने के हक में हैं.
हरियाणा में बनाया जा सकता है आंदोलन, दंगे,हड़ताल उपद्रवियों के खिलाफ कानून
गृह मंत्री अनिल विज ने स्पष्ट कहा है कि आंदोलन, दंगे,हड़ताल तथा किसी भी उपद्रव में सरकारी या गैर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए क़ानून बनाने मे क्या-क्या संभावनाएं हो सकती है. इस बारे में विभाग के अधिकारियों द्वारा अध्ययन किया जायेगा. मंत्रिमंडल की बैठक में इसी पर चर्चा की जानी थी. लेकिन हरियाणा में पिछले साढे 6 साल के दौरान हो चुके आंदोलनों के मद्देनजर यदि यह कानून लागू हो गया,तो असमंजस की स्थिति पैदा हो जाएगी.
इसकी वजह से इस कानून के प्रारूप पर चर्चा को अधर में ही छोड़ दिया गया. वही विज ने अपनी राय रखते हुए कहा कि मैं इस कानून के हक में हूं. वही मैं सभी अधिकारियों से बातचीत भी करूंगा कि इस कानून का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए. बता दें कि इससे पहले भी हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जमकर हिंसा हुई थी. इसमें तकरीबन 20000 करोड रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. बाद में सरकार ने इसे 750 करोड रुपए के नुकसान तक सीमित माना.
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2020 में बनाया गया उपद्रवियों के खिलाफ कानून
इसी तरह ही पंचकूला मे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की गिरफ्तारी और सजा के बाद हिंसा देखने को मिली थी. इसमें भी अरबों रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी हड़ताल, दंगे, और लोक उपद्रव के कारण होने वाली हानि को की भरपाई के लिए उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020 को अपने यहां लागू कर रखा है. बता दें कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी के बाद यह अध्यादेश सरकारी गजट में अधिसूचित किया गया था.
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