चंडीगढ़ । हरियाणा के ग्रामीण इलाके में कोविड -19 के प्रसार को रोकने में स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए धूम्रपान, हुक्का और प्लेइंग कार्ड बड़ी बाधा बनकर उभरे हैं. राज्य के ग्रामीण इलाकों में पुरुषों के दो पसंदीदा शौक कोविड के सामने आते ही एक बड़े खतरे में बदल गए हैं. मेडिकोज और पैरामेडिकोज गांवों में पुरुषों से अपील करते रहे हैं कि वे ताश न खेलें या हुक्का न पिएं. अब, राजनीतिक दलों और उनके नेताओं ने भी उनके गांवों के मैन कॉर्नर, “चौपाल” में इन सभाओं को रोकने के लिए पुरुषों से अपील की है.
हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने सप्ताह सबसे पहले की थी अपील
ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि “हुक्का हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है, ठीक है जब स्थिति सामान्य होती है, लेकिन इस समय यह कोरोना का एक सुपर-स्प्रेडर है”. कार्ड के मामले में भी ऐसा ही है. लोगों का एक समूह एक साथ बैठता है और अगर एक भी पॉजिटिव है, तो बाकी लोग भी वायरस का शिकार हो जाते हैं.”
Cogress विधायक और राज्य विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी ग्रामीणों से हुक्का से बचने और समूहों में ताश ना खेलने की अपील की. उन्होंने कहा, “असली हरियाणा गांव में रहता है. हम अपने लोगों को पीड़ित कैसे देख सकते हैं? इसलिए, हम उनसे अपील करते हैं कि वे हुक्का पीना छोड़ दें और समूहों में काम ना करें.”
“लोगों की खातिर, हमने यह अभियान शुरू किया है (लोगों से हुक्का न पीने या सार्वजनिक रूप से ताश न खेलने के लिए कहने के लिए), उन्हें पहले समूहों में बैठना बंद कर देना चाहिए.” -भूपेंद्र सिंह हुड्डा
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