हिसार | यात्री अब पहले के समय की तरह कम किराए पर ट्रेनाें में यात्रा नहीं कर सकते हैं. ऐसे में अब यात्रियाें काे हो सकता है कि पैसेंजर ट्रेनाें की सुविधा का लाभ नहीं मिल पाएगा. रेलवे विभाग के अधिकारी आने वाले जनवरी माह से कुछ एक्सप्रेस ट्रेनाें काे अपनी ओर से चलाने की तैयारी कर रहे हैं.
जिसके लिए पैसेंजर ट्रेनाें काे एक्सप्रेस ट्रेनाें में दुरुस्ती से तब्दील किया जा रहा है. इस मामले को लेकर रेलवे के अधिकारियाें के बीच गहनता से विचार विमर्श चल रहा है. इसका एक मुख्य उद्देश यह भी माना जा रहा है कि स्पेशल ट्रेनों की वजह से रेलवे जंक्शन की आय भी बढोतरी देखने को मिल सकती है. साथ ही साथ अब से रेलवे जंक्शन की कमाई प्रति माह 27 लाख रूपए तक जा पहुंची है.
कोरोना काल से पहले रेलवे जंक्शन की कुल आय पचास लाख रुपए से भी अधिक
दरअसल, अब अगर दिसंबर माह की बात की जाए ताे सिर्फ़ और सिर्फ़ अगर गाेरख धाम एक्सप्रेस से रेलवे काे 7 लाख रूपए की आय हर एक दिन हाे रही है. दरअसल, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि काेराेना वायरस यानी आज के युग में तेजी से बढ़ रही इस महामारी के प्रकाेप से पहले मार्च माह तक हिसार जंक्शन से 64 ट्रेन चलाई जा रहीं थीं. अगर इन ट्रेनों की गिनती की जाए तो इनमे 25 एक्सप्रेस और 37 पैसेंजर ट्रेन शामिल थी. चूंकि पहले के उस समय में हिसार जंक्शन की यात्रियाें से मिलने वाले शुल्क से जमा हुई आय पचास लाख रुपए से भी अधिक थी.
पैसेंजर ट्रेनाें में 25 रूपए तक होता है नॉर्मल किराया तो दूसरी ओर एक्सप्रेस मे 75 रूपए तक वसूल किया जाता है सामान्य किराया
हिसार से वर्तमान समय में गाेरख धाम एक्सप्रेस ( Gorakh dham express) , विवेक एक्सप्रेस (Vivek Express) , काेटा एक्सप्रेस ( Kota express) , सिकंदराबाद एक्सप्रेस (Sikandrabad express) और किसान एक्सप्रेस ( Kissan express) दाैड़ रही हैं. ऐसे महामारी के समय में पैसेंजर ट्रेनाें काे ट्रैक पर नहीं चलाया गया है.
इससे पहले मई, जून के माह में जहां रेलवे काे स्पेशल ट्रेनाें की आवा जाही के कारण से कुल मिला कर 5 से लेकर 15 लाख रूपए तक की आय आसानी से हाे रही थी वहीं अब कोरोना काल यानी सब जगह पर महामारी फैलने की वजह से यह आय 27 लाख रूपए तक जा पहुंची है और अब यही कारण है कि रेलवे के अधिकारी पैसेंजर के स्थान पर स्पेशल ट्रेन को ही आने वाले दिनों में चलाने पर विचार कर रहे है. इन ट्रेनों को चलाने के पीछे रेलवे विभाग का एक प्रमुख कारण यह भी है कि एक्सप्रेस ट्रेन में सामान्य किराया किसी भी स्थिती में 75 रूपए से कम नहीं है जब कि पैसेंजर ट्रेनाें में यह किराया सिर्फ़ और सिर्फ़ 20 रूपए से 25 रुपए तक ही सामान्य किराए को सीमित कर तय किया गया है.
हर रोज़ 7 लाख रूपए तक की आय कर रही है गाेरख धाम एक्सप्रेस
एक्सप्रेस ट्रेन में एक एक दिन करके कुल लगभग यात्रियाें की संख्या बढ़ रही है. ऐसी स्थिति में अगर गाेरखधाम एक्सप्रेस की बात अगर आप सब के बीच सांझा की जाए ताे दिसंबर माह में हर रोज़ लगभग 7 लाख रूपए तक की कमाई रेलवे विभाग काे हाे रही है.
बीकानेर डिविजन की 25 पैसेंजर एक्सप्रेस में तब्दील
रेलवे अधिकारियाें ने संवादाताओं से सांझा की जानकारी में कहा कि ‘बीकानेर डिविजन की 25 पैसेंजर ट्रेनाें काे हाल फिलहाल मे ही एक्सप्रेस ट्रेनाें में शामिल कर दिया गया है. ऐसे में हिसार मे से अभी के लिए सिर्फ़ पांच ट्रेनें ही एक्सप्रेस के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं.
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