चंडीगढ़ | पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में हाल ही में एक याचिका दायर की गई है. इसमें साफ़ तौर पर आरोप लगाया गया है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक साजिश के अन्तर्गत हत्या और दुष्कर्म के केस में फंसा कर जेल में बंद कर किया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि जिन संतों ने धार्मिक प्रचार से मानव को ईश्वर से जोड़ने का काम किया है, उन सभी को साजिश के तहत शिकार बना कर सत्ता के द्वारा प्रताड़ित किया जाता है. ऐसा ही कुछ गुरमीत राम रहीम के साथ भी किया गया है.
अनुयायियों का बाबा राम रहीम सिंह पर अटूट विश्वास कहा साज़िश के तहत किया गया अंदर
इस दायर की गई याचिका में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजमेंट, वकीलों व सीबीआइ के अधिकारियों (CBI Officials) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है. यानी अगर हम इस मामले पर प्रकाश डालते हुए साफ़ शब्दों में कहें तो याचिका में डेरा प्रबंधन, वकील और सीबीआइ पर भी आपस में मिली भगत कर डेरा प्रमुख के खिलाफ साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं.
बाबा राम रहीम में आस्था रखने वाले, पंजाब के रूप नगर निवासी बलविंद्र सिंह व उनके साथ जुड़े हुए कुछ और अनुयायियों ने एक साथ मिल कर हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कुछ इस प्रकार से आरोप लगाए हैं. ऐसे में उन सभी लोगों का कहना है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दुष्कर्म व हत्या के दोनों ही मामलों में जेल की सलाखों के पिछे रखने के लिए काफ़ी गहरी साज़िश रची गई है. इस साज़िश की जड़ें भी काफी गहरी है.
अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं से हुआ खिलवाड़, पेश किए गए फर्जी गवाह
वहीं, एक ओर हाई कोर्ट को बताया गया है कि इस साजिश में हरियाणा सरकार, सीबीआइ के कुछ अधिकारी, राम रहीम के वकील और इन सभी के साथ साथ डेरा प्रबंधन के लोग भी इस साज़िश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए जुटे हुए हैं , इन सभी ने आपस में मिल कर नकली गवाह व गलत तथ्य कोर्ट के सामने पेश कर बाबा राम रहीम को जेल में बंद करवाया. ऐसे में अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं से भी बड़ा खिलवाड़ किया है.
हाई कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए किया स्वीकार
याचिका में स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार से अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई व बार काउंसिल आफ इंडिया से जुड़े वकीलों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विनती की गई है. अब प्रशासनिक स्तर पर हाई कोर्ट की ओर से इस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई जा चुकी है. हालांकि, अब यह भी कहा जा रहा है कि जल्द ही यह याचिका सूचीबद्ध भी हो सकती है. ऐसे में इस याचिका के दायर होने के बाद से आशंका जताई जा रही है कि इस याचिका के कोर्ट में आने से अब नए तरह का विवाद खड़ा हो सकता है.
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