RakshaBandhan Special: 11 अगस्त की रात तक रहेगा भद्रकाल, इस शुभ मुहूर्त पर बांधे भाई की कलाई पर रक्षासूत्र

हिसार, RakshaBandhan Special | अबकी बार रक्षाबंधन के त्यौहार को लेकर लोगों में काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को है या 12 को, इसको लेकर काफी भ्रांतियां फैली हुई है. आज की इस खबर को पढ़ने के बाद इन सभी भ्रांतियों पर विराम लगने वाला है. 11 तारीख गुरुवार को पूर्णिमा तिथि सुबह 10:39 से शुरू होगी, इससे पहले चतुर्दशी है. चतुर्दशी में रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाया जाता.

raksha bhandhan

इस दिन मनाए रक्षाबंधन का त्यौहार

इसके साथ ही अबकी बार रक्षाबंधन पर पूर्णिमा के प्रारंभ समय 10:39 बजे से  रात्रि 8:51 बजे पाताल की भद्रा व्याप्त रहेगी. भद्रा समाप्त होने के बाद ही रक्षा बंधन मनाया जा सकता है. दूसरे दिन पूर्णिमा 12 अगस्त शुक्रवार को सुबह 7:06 मिनट तक रहेगी. इस वजह से 12 अगस्त को ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाना अच्छा रहेगा. भले ही 12 अगस्त को पूर्णिमा सुबह 7:06 तक ही हो, लेकिन शुक्रवार को उद्या तिथि के हिसाब से दिन भर राखी बांधी जा सकती है. शास्त्रों में भी यही कहा गया है कि जो उद्या तिथि है उसी का मान दिनभर रहता है.

इस वजह से नहीं बांधी जाती भद्रकाल में राखी

इस वजह से रक्षाबंधन का त्योहार 12 अगस्त को मनाना अच्छा रहेगा. भद्रा काल के दौरान राखी नहीं बांधी जाती. इसके पीछे एक पौराणिक कथा बताते हुए पंडित देव शर्मा ने बताया कि लंकापति रावण की बहन ने भद्राकाल में उनकी कलाई पर राखी बांधी थी, 1 साल के अंदर ही उनका विनाश हो गया था. भद्रा शनिदेव की बहन है. बता दे कि भद्रा को ब्रह्माजी से श्राप मिला था कि जो भी भद्रा काल में रक्षाबंधन का त्योहार मनाएगा, उसको अशुभ परिणाम मिलेंगे. उत्तर भारत के अधिकतर परिवारों में सुबह के समय रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया जाता है. अबकी बार इस समय भद्रा व्याप्त होने की वजह से राखी नहीं बांधी जा सकती.

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