अब रेल में कोरोना नहीं आएगा नजदीक, रेल यात्रियों की बल्ले बल्ले

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए रेलवे हर संभव कोशिश कर रहा है. इसके लिए रेलवे ने पोस्ट कोविड कोच को और ज्यादा सुरक्षित बनाया है. फिलहाल ऐसे चार कोच बनाकर तैयार कर दिए गए हैं, जिनको रेल मंत्रालय ने अपने 3 जोनों को सौंप दिया है. अब रेलवे इन कोविड कोचों के बारे में यात्रियों के फीडबैक का इंतजार कर रहा है. फीडबैक मिलने के बाद और अधिक कोच बनाने की योजना है. इन कोविड कोच को पंजाब के कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में बनाया जाता है. इन कोविड कोच को लिंक होफमैन बुश (LHB) कहा जाता है.

Railway Station

यात्रियों के फीडबैक का इंतजार
रेलवे ने इन कोविड कोचों को 3 ज़ोनो में उतार दिया है. इन कोचों में चढ़ने के पश्चात जिन जिन स्थानों पर यात्री हाथ लगाते हैं उनको स्पेशल कोच में चिन्हित किया गया है. इनमें कॉपर कोटेड हैंडल, कुंडी व चिटकनी लगाए गए हैं जो कि एंटी माइक्रोबियल गुणों से लैस है. लगाए गए उपकरणों पर हर प्रकार का वायरस कुछ ही घंटों में नष्ट हो जाता है.

हैंड फ्री सुविधा उपलब्ध
अब यात्रियों की सुविधाओं के लिए हैंड फ्री सुविधा भी प्रदान की गई है. शौचालयों में भी वॉश बेसिन पर पैरों से चलने वाले नल और साबुन के डिस्पेंसर उपलब्ध कराए गए हैं. इसी प्रकार लेवेट्री डोर, कंपार्टमेंट डोर व फ्लश वाल्व पैरों से संचालित होने वाली व्यवस्थाओं से लैस हैं. हाथ से खोलने के लिए एसी के कंपार्टमेंट डिब्बे का विशेष प्रबंध किया गया है.

वायरस को फैलने से रोकने के लिए विशेष उपकरणों का प्रयोग
इन कोविड कोचों में प्लाज्मा एयर उपकरणों का उपयोग किया गया है. यह उपकरण कोच के भीतर की हवा और सतहों को आयनित हवा का इस्तेमाल करके साफ करता है. इन पोस्ट कोविड कोचों में टाइटेनियम डाइऑक्साइड की नैनो कोटिंग की हुई है जो किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस, फंगल और मोल्ड को पूर्णतः नष्ट कर देती है. रेलवे ने आश्वासन दिया है कि ये कुछ बदलाव कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी सहायक सिद्ध होंगे.

1 कोविड कोच का अतिरिक्त निर्माण खर्च
एक कोविड कोच को बनाने में 7 लाख रुपयों का अतिरिक्त खर्च आया है. जयपुर से इंदौर के लिए चलने वाली ट्रेन संख्या 02984, जयपुर से इंदौर, में शुक्रवार को ये कोविड कोच लगाए जाएंगे. इसी प्रकार उत्तर रेलवे भी लखनऊ, फिरोजपुर, अंबाला, दिल्ली व मुरादाबाद के मध्य एक ट्रेन में एक कोच लगाएगा. चौथा कोविड कोच पश्चिमी रेलवे को सौंपा गया है. अभी रेलवे का मुख्य प्रयास यही है कि जिन स्थानो पर कोरोना का प्रकोप बहुत ज्यादा है वहां इन कोविड कोचों का इस्तेमाल किया जाए.

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