कुरुक्षेत्र | सावन की शिवरात्रि पर अब की बार शिवगौरी का संयोग बन रहा है. बता दें कि शिवरात्रि के दिन पूजा करने से शिव जी के साथ मां पार्वती की विशेष कृपा आप को मिलती है. अबकी बार शिवरात्रि का व्रत 26 जुलाई मंगलवार को है. गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र कुरुक्षेत्र के संचालक डॉ रामराज कौशिक ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार सावन के महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है.
इसे मासिक शिवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. सावन के महीने में आने वाली शुभ रात्रि को सावन शिवरात्रि कहा जाता है. मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की विधिवत पूजा करने से आपकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है. मंगलवार के दिन चतुर्दशी होने की वजह से अब की बार आपको मां पार्वती का भी विशेष आशीर्वाद होगा.
सावन शिवरात्रि की पूजा की सामग्री
गंगाजल, शुद्ध देसी घी, गाय का कच्चा दूध ,दही, पवित्र जल, गंगाजल, पंच मिष्ठान, मौली जनेऊ, बेलपत्र, धतूरा, भांग, आम्र मंजरी, जौ की बालें, पुष्प, पंच फल, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, मंदार पुष्प, गन्ने का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिवजी और मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री.
डॉक्टर रामराज कौशिक ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने और व्रत करने से वैवाहिक जीवन की सारी समस्याएं खत्म हो जाती है. महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती है. सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्याओं द्वारा भी यह व्रत रखा जाता है . सावन की शिवरात्रि पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है.
शिवरात्रि पूजा मुहूर्त
- रात्रि प्रथम पहर पूजा समय – 7:16 सें 9:52 तक
- रात्रि द्वितीय पूजा पहर समय – 09:52 सें 12:58 तक
- रात्रि तृतीय पहर पूजा समय – 12:28 सें 03:04 तक
- रात्रि चतुर्थ पहर पूजा समय – 03:04 सें 5:39 बजे