लाइफस्टाइल डेस्क | पोस्ट कोविड मैनेजमेंट एंड ब्लैक फंगल संक्रमण पर लाला जी टंडन फाउंडेशन की ओर से रविवार को मेडिकल वेबीनार आयोजित किया गया. बता दें कि इस मौके पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एमएलबी भट्ट भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि इस समय गंभीर कोविड-और पोस्ट कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस का संक्रमण देखने को मिल रहा है . जिन मरीजों को शुरू से ही स्टेरॉयड की हाई डोज दी जा रही है, उन मरीजों को यह समस्या ज्यादा हो रही है.
नाक में तेल डालने से खत्म होता है ब्लैक फंगस
साथ ही उन्होंने कहा कि अनियंत्रित शुगर वाले मरीज आसानी से इसका शिकार हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस से बचने का सबसे आसान तरीका है कि मरीज रोजाना अपनी नाक में नारियल का या अणु तेल लगाता रहे. इससे फंगस नहीं पनपता. बता दें कि अचार में भी फंगस न पनपने के लिए उसमे नमक व सरसों का तेल डाला जाता है.
अगर मरीज 15 से 18 मिली तेल का कुला कर ले, तो उससे नाक के जरिए गले व मुंह में भी ब्लैक फंगस के संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. वही तेल को मुंह में 10 से 15 मिनट लेकर इधर-उधर घुमाए, बाद मे इसे थूक दे. ऐसा करने से भी ब्लैक फंगस के संक्रमण का खतरा कम होता है.
एक ही मास्क का प्रयोग बार-बार करने से बचें
इसी दौरान नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन जी बी वेबीनार में मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीज असमंजस की स्थिति में है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि कोरोना के साथ ब्लैक फंगस से कैसे निपटा जाए. पीएम व सीएम के नेतृत्व में भी कोरोना की दूसरी लहर को काबू करने के काफी प्रयास किए गए हैं. एक ही मास्क कई दिनों तक नहीं पहनना चाहिए. कपड़े के मास्को को धोते रहना चाहिए. एक ही मास्क का कई दिन इस्तेमाल करने व उसके गीला होने पर नमी से भी फंगस का खतरा हो सकता है.
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