हरियाणा के इस शहर में अनूठा प्रयास, 2 हजार पक्षियों के संरक्षण के लिए बनाया 49 फुट ऊंचा पक्षी टावर

महेंद्रगढ़ | भागदौड़ भरी इस दुनिया में आज भी कई संस्थाएं ऐसे हैं जो न केवल मनुष्यों बल्कि जीव- जंतुओं के लिए भोजन, रहन- सहन आदि की व्यवस्था कर इंसानियत की मिसाल कायम कर रही है. कुछ ऐसा ही प्रयास किया है रोटरी क्लब नारनौल की टीम ने जिनकी बदौलत पक्षियों की प्रजाति के संरक्षण के लिए शहर का पहला पक्षी टावर बनकर तैयार हो गया है.

Narnaul Bird Tower

यह पक्षी टावर रेवाड़ी रोड़ स्थित मोड़ावाला मंदिर में स्थापित किया गया है. इस पक्षी टावर पर 7 लाख रुपए की लागत राशि खर्च हुई है और इसमें एक साथ दो हजार पक्षियों के रहने की व्यवस्था की गई है. जमीन के नीचे 10 फुट का कंक्रीट टावर बनाया गया है और इसके उपर सात मंजिला टावर बनाया गया है. इस पक्षी टावर की लंबाई करीब 49 फुट है. हर मंजिल तक लगभग 300 पक्षियों के रहने की व्यवस्था की गई है.

यह पक्षी टावर पक्षियों को गर्मी, सर्दी, बारिश, आंधी- तूफान आदि से बचाने में बड़ा कारगर साबित होगा. इस पक्षी टावर के निर्माण के लिए सामग्री व मजदूर स्पेशल गुजरात से मंगाए गए थे. इस पक्षी टावर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि सीमेंट- कंक्रीट से तैयार होने के बावजूद भी यहां गुजरात में तैयार पक्षी घर का सांचा शिफ्ट किया गया है, जिससे अंदर का तापमान गर्मी व सर्दी के अनुकूल बना रहेगा.

दाना डालने की जगह पहले से मौजूद

मोड़ा वाला मंदिर में जिस जगह पर इस पक्षी टावर का निर्माण किया गया है. वहां पहले से ही पक्षियों को दाना डालने का चबूतरा बना हुआ है. ऐसे में पक्षी यहां से दाना चुगने के बाद सीधे आशियाने में प्रवेश कर सकते हैं. इससे पक्षी सर्दी, गर्मी, बरसात व आंधी- तूफान से बचे रहेंगे. इस पक्षी टावर का निर्माण वर्तमान में गुजरात के मुंद्रा व्यापारी दिनेश, कपिल व देवेन्द्र ने अपने स्वर्गीय पिता बाबूलाल अग्रवाल की पुण्य स्मृति में बनवाया है.

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