महेंद्रगढ़ | पर्यावरण को हरा-भरा बनाने की दिशा में हरियाणा नारनौल वन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है. विभाग द्वारा अरावली व फोरेस्ट क्षेत्र को छोड़कर ज़िले में बाकी जगहों पर पेड़ों की गिनती करवाने का फैसला लिया गया है. इस सर्वे के अन्तर्गत नहर किनारे, सरकारी या निजी संस्थान, पंचायती जमीन, प्लांट आदि में लगे पेड़ों की गणना की जाएगी. सर्वे से जो आंकड़े सामने आएंगे, उससे यह पता चल जाएगा कि कौनसी जगह पर पेड़ों की संख्या कम या ज्यादा है. उस हिसाब से वन विभाग इन जगहों पर पौधे लगाकर पर्यावरण को हरा-भरा रखने की दिशा में अपनी भूमिका अदा कर सकेगा.
बता दें कि हरियाणा सरकार वन विभाग के साथ मिलकर प्रदेश के सात प्रतिशत वन क्षेत्र को बढ़ाकर 20% करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. इस दिशा में वन विभाग द्वारा तीन योजनाएं भी चलाई गई है जिनमें कृषि वानिकी योजना, ग्राम पंचायत मुक्त पौधा वितरण और स्कूली बच्चों व अन्य को फ्री पौधा वितरण योजना शामिल हैं. इसके अलावा हरियाणा सरकार द्वारा प्राणवायु योजना भी बनाई गई है जिसमें 75 साल या इससे अधिक उम्र के पौधों की देखभाल करने वालों को 2,500 रुपए पेंशन दी जाएगी.
इस तरह होगी गणना
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी व निजी संस्थान, पंचायती जमीन, प्लांट, नहर किनारे, खेत, शहर की बस्तियों आदि में खड़े पेड़ों की गणना का कार्य वन विभाग के कर्मचारियों की देखरेख में होगा. इसके लिए उन्हें स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है. उन्होंने बताया कि पेड़ों पर नंबर लगाने के अलावा, किस किस्म का पेड़ है, जमीन मालिक का नाम, पेड़ की मोटाई व लंबाई और कितना पुराना पेड़ है, ऐसी तमाम जानकारियां भी एकत्रित की जाएगी.
वन विभाग ने नारनौल वन रेंजर अधिकारी रजनीश कुमार ने बताया कि फोरेस्ट व अरावली क्षेत्र को छोड़कर जिले के हर एक कोने से पेड़ों की गणना का सर्वे करवाया जाएगा. ऐसा सर्वे पहली बार हो रहा है. सर्वे के बाद जिन जगहों पर पौधों की संख्या कम होगी वहां सभी के सहयोग से पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा ताकि पर्यावरण को हरा-भरा रखा जा सके. स्वच्छ पर्यावरण ही अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मददगार होता है.
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