महेंद्रगढ़ | हरियाणा में खरीफ फसलों के बाद अब रबी सीजन की फसलें सरसों और गेहूं की बिजाई का समय शुरू होने जा रहा है. कनीना क्षेत्र की बावनी अर्थात 52 हजार हेक्टेयर भूमि मानी जाती है. इस पर खरीफ फसल लेने के बाद किसान रबी फसल की तैयारी में जुट गए हैं.
दिन में तापमान अधिक
किसान त्वरित गति से अपने खेतों की सिंचाई फव्वारों द्वारा कर रहे हैं, क्योंकि रबी फसल पूर्ण रूप से ट्यूबवेलों पर निर्भर करती है. किसान सरसों और गेहूं की बिजाई करते हैं. सरसों की अच्छी पैदावार लेने के लिए अच्छे बीजों एवं खादों की तलाश कर रहे हैं. 10 अक्टूबर से सरसों की बिजाई प्रारंभ हो जाती है, जबकि एक नवंबर से गेहूं की बिजाई शुरू कर दी जाती है.
वर्तमान में किसान बीजों की दुकानों से जहां खाद एवं बीज लाकर खेतों में डाल रहे हैं, वहीं बीजों को बुआई करने के लिए अपने घर में सुरक्षित रख रहे, ताकि समय आते ही बिजाई कर दी जाए. किसानों का कहना है कि जल्द ही सरसों की बिजाई शुरू की जाएगी. अभी दिन के समय तापमान अधिक होने से बिजाई संभव नजर नहीं आ रही है.
क्या कहते हैं कृषि विषेशज्ञ
पूर्व कृषि अधिकारी डॉ. देवराज यादव बताते हैं कि सरसों की बिजाई 10 अक्टूबर से प्रारंभ हो जाती है, जो 25 अक्टूबर तक जारी रहती है. इसके लिए तापमान 28 से 30 डिग्री होना चाहिए. तत्पश्चात 1 नवंबर से गेहूं की बिजाई शुरू हो जाती है. देसी किस्म C- 306 7 नवंबर तक बिजाई की जा सकती है. बाद में गेहूं की बिजाई 25 नवंबर तक जारी रहेगी. इसके लिए तापमान 22 डिग्री चाहिए.
गेहूं के लिए सरसों के मुकाबले तापमान कम चाहिए. अभी मौसम में बदलाव नहीं हुआ है. आने वाली 15 अक्टूबर के आसपास मौसम में बदलाव होने की संभावना है. तत्पश्चात किसान तेजी से बिजाई का काम करेंगे. वर्तमान में खेतों की सिंचाई करके किसान बिजाई के लिए तैयार रहेंगे.
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