महेंद्रगढ़ | हरियाणा के नूंह में पिछले हफ्ते हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हैं. इसी बीच एक खास समुदाय के गांवों में प्रवेश पर रोक लगाने के पंचायतों के फरमान पर हंगामा मच गया. हरियाणा के विकास और पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने कहा कि कई ग्राम पंचायतों को समुदाय के सदस्यों का बहिष्कार करने और उनके प्रवेश पर रोक लगाने के प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करने के बारे में पता चला है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालो के खिलाफ आदेश जारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
हरियाणा के मंत्री बबली ने कहा, ‘मुझे इस मामले की जानकारी है. कुछ स्थानों पर लोगों ने ऐसे प्रस्ताव पारित किये हैं लेकिन मैंने ऐसे सभी स्थानों के जिला प्रशासनों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि यह कानून के तहत स्वीकार्य नहीं है और यदि कोई भी व्यक्ति ऐसे आदेश जारी करने में शामिल है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी’.
बाहरी लोगों का सत्यापन जरूरी
रेवाडी जिले के अटेली ब्लॉक के सेहतपुर गांव के सरपंच विकास यादव ने कहा, “अटेली ब्लॉक की 43 पंचायतों में से 30- 35 पंचायतों ने इसी तरह के प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए हैं. मैं अटेली ब्लॉक की सरपंच एसोसिएशन का अध्यक्ष भी हूं. हमारे गांव के लोगों में बहुत नाराजगी थी, हम नहीं चाहते थे कि कोई झगड़ा हो या सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़े”.
विकास यादव ने बताया इन प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करने के पीछे हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि जो बाहरी लोग हमारे गांवों में आकर व्यापार करते हैं या रहते हैं, उनका सत्यापन किया जाना चाहिए. इनमें कुछ असामाजिक तत्व भी हो सकते हैं जो कानून- व्यवस्था में गड़बड़ी पैदा करते हैं.
हमें उनसे कोई दिक्कत नहीं: सरपंच
सरपंच ने आगे कहा, ‘अटेली ब्लॉक में चार- पांच गांव ऐसे हैं जहां मुस्लिम समुदाय का दबदबा है और वे पिछले 40-50 सालों से यहां रह रहे हैं. उनसे किसी को कोई दिक्कत नहीं है लेकिन हमारा मुख्य मुद्दा रेहड़ी- पटरी वालों और जानवरों की चोरी की बढ़ती घटनाएं हैं, इसीलिए हमने ऐसे प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए हैं. जब तक नूंह में माहौल सामान्य नहीं हो जाता, हम किसी भी टकराव से बचने के लिए अपने गांवों में ऐसे किसी भी व्यक्ति के प्रवेश से बच रहे हैं’.
3 अगस्त को जारी पत्र में लिखी ये बात
31 जुलाई को नूंह में हुई सांप्रदायिक झड़प के मद्देनजर पंचायतों ने ये निर्देश जारी किए हैं. महेंद्रगढ़ में गोमला ग्राम पंचायत के सरपंच के 3 अगस्त को लिखे पत्र में कहा गया है कि, ‘नूंह में हिंदू भाइयों पर हमले और अत्याचारों को देखते हुए, पूरे गांव गोमला और ब्लॉक कनीना, जिला महेंद्रगढ़ ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि मुस्लिम समुदाय से कोई भी हमारे गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के साथ कोई व्यापार, उदाहरण के लिए सड़क किनारे की दुकानें, जानवरों की बिक्री और खरीद की भी अनुमति नहीं दी जाएगी’.
पत्र में लगाया ये आरोप
पत्र में आरोप लगाया गया है कि मुस्लिम समुदाय के लोग दिन में सड़क किनारे रेहड़ी लगाते हैं और रात में जानवर चुराते हैं. नूंह में हुई हिंसा को देखते हुए हमने सांप्रदायिक सौहार्द के हित में यह फैसला लिया है लेकिन इससे किसी भी समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होंगी. पत्र पर सरपंच वेद प्रकाश समेत कुछ लोगों के हस्ताक्षर हैं और उस पर गोमला सरपंच की मोहर भी लगी है. इसे एसडीएम (कनीना महेंद्रगढ़) को सौंप दिया गया है. इसी तरह के प्रस्ताव महेंद्रगढ़ की बिहाली ग्राम पंचायत, रेवाड़ी की जैनाबाद ग्राम पंचायत और चिमनावास ग्राम पंचायत ने भी जारी किए थे.
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