नारनौल | यूपीएससी क्लियर करना लाखों विद्यार्थियों का सपना होता है. सफलता केवल उन्हीं को मिलती है जिनमें जुनून होता है. आज हम आपको ऐसे आईपीएस अधिकारी के बारे में बताएंगे जिसने कभी हार नहीं मानी और अपना आईपीएस बनने का सपना पूरा किया. हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी आयुष यादव (Ayush Yadav IPS) की कहानी कुछ इसी तरह की है.
आयुष के पिता की 8 साल की उम्र में हुई थी मौत
आयुष नारनौल के पास स्थित ठाटवाड़ी गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता बीएसएनएल में काम करते थे लेकिन जब आयुष 8 साल के थे तब उनकी मृत्यु हो गई थी. इसके बाद, उनकी मां को बीएसएनएल में नौकरी मिल गई. उनकी माँ ने उन्हें शिक्षित किया और उनकी सफलता के लिए अथक प्रयास किया. उनकी कहानी सिखाती है कि कोई भी लक्ष्य मेहनत से बड़ा नहीं है, बस प्रयास करते रहना चाहिए और हार नहीं माननी चाहिए.
कभी नहीं मानी हार
आयुष पढ़ाई में हमेशा अच्छे थे. 12वीं के बाद उन्हें एनआईटी में दाखिला मिल गया. उन्होंने एनआईटी कुरूक्षेत्र से इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. इसके बाद, उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. वर्ष 2019 में अपने पहले ही प्रयास में हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की राज्य सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और उन्हें आबकारी एवं कराधान विभाग में पोस्टिंग मिल गई. इसके बाद भी वह नहीं रुके, उनका लक्ष्य यूपीएससी क्लियर करना था, इसलिए उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी.
ऐसे पाई यूपीएससी में सफलता
साल 2020 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भी पास कर ली. उन्हें 550वीं रैंक मिली और दानिक्स सेवा में चयन हो गया. लेकिन वह आईपीएस बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने यूपीएससी के लिए दोबारा प्रयास किया. उन्होंने 2021 की परीक्षा में 430वीं रैंक हासिल की और उनका आईपीएस बनने का सपना पूरा हो गया. उनकी कहानी सिखाती है कि जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए.
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