महेंद्रगढ़ | अगर मन में एक बार ठान लिया जाए कि मंजिल हासिल करनी है तो उसे कोई भी नहीं रोक सकता. महेंद्रगढ़ की छोरी मीना ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. प्रैक्टिस करने के लिए ना पर्याप्त संसाधन और ना ही किसी तरह की सरकार सो आर्थिक मदद फिर भी उसने अपने गांव और जिले का नाम रोशन किया है.
हरियाणा के करनाल में आयोजित तीन दिवसीय 33वीं नॉर्थ जोन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप का समापन हो गया है. ग्राम नायन की मीना ने बाधा दौड़ प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है. स्वर्ण पदक जीतकर गांव पहुंची मीना का ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया. 3 दिनों तक चली इस प्रतियोगिता में हरियाणा के 207 खिलाड़ियों ने भाग लिया. जिसमें 110 लड़के और 97 लड़कियां थीं.
महेंद्रगढ़ जिले के नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र के नायन गांव की मीना गुर्जर ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश का नाम रौशन किया है. गांव में खेल का मैदान नहीं है, फिर भी मीना ने हार नहीं मानी. खेल की तैयारी के लिए हिसार में अभ्यास किया और राज्य स्तर पर पदक जीता. गांव में खेल का मैदान नहीं होने के कारण वह सुबह चार बजे उठकर अपने दादा के साथ अभ्यास करती थी. गरीब परिवार में जन्मीं मीना ने साबित कर दिया है कि इरादे मजबूत हों तो कोई भी मुश्किल नहीं आती. ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल हरियाणा सरकार की खेल नीति की काफी तारीफ करते हैं. लेकिन महेंद्रगढ़ जिले में खिलाड़ियों को खेल सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. महेंद्रगढ़ की मीना गुर्जर ने कहा कि हरियाणा सरकार को अभी तक उन्हें किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं मिली है.
ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय विधायक को भी कई बार स्टेडियम बनाने के लिए कहा जा चुका है, लेकिन अब तक खेल स्टेडियम का निर्माण शुरू नहीं हुआ है. अगर सरकार की तरफ से खेल सुविधाएं दी जाएं तो जिले में भी अच्छे खिलाड़ी तैयार किए जा सकते हैं. हालांकि सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर अपना हुनर दिखा रहे हैं. अगर इन खिलाड़ियों को खेल की बेहतर सुविधा मिल जाए तो ये अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी देश के लिए गोल्ड मेडल जीत सकते हैं.
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