हरियाणा में अब इन जातियों को भी मिलेगा आरक्षण, चुनाव से पहले अमित शाह ने फेंका तुर्प का इक्का

महेंद्रगढ़ | केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) मंगलवार को हरियाणा के दौरे पर रहे, जहां उन्होंने महेंद्रगढ़ में आयोजित ‘पिछड़ा वर्ग सम्मान समारोह’ में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. उन्होंने भारत माता की जय के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की. BJP ने OBC वोट बैंक को साधने के लिए इस समारोह का आयोजन किया था और अमित शाह ने इस दौरान कई बड़ी घोषणाएं कर इसमें काफी हद तक कामयाबी हासिल की.

AMIT SHAH

OBC समाज को 3 बड़ी सौगात

रैली के मंच से केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ओबीसी समाज को 3 बड़ी सौगात दी. उन्होंने हरियाणा में ओबीसी आरक्षण में लगाई गई क्रीमीलेयर की सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख करने की घोषणा की. उन्होंने बताया कि इसमें तनख्वाह और कृषि आय को नहीं गिना जाएगा.

अमित शाह ने बताया कि पंचायतों में ओबीसी ग्रुप- A में 8% आरक्षण था. अब ओबीसी ग्रुप- B के लिए पंचायतों और नगर परिषद में भी 5- 5 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. सीएम नायब सैनी ने इन तीनों घोषणाओं से संबंधित आधिकारिक नॉटिफिकेशन की कॉपी भी हाथों- हाथ मंच पर ही मुहैया करवा दी.

BJP ने फेंका तुर्प का इक्का

BC- A के 8% आरक्षण को बरकरार रखकर भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तुर्प का इक्का फेंक दिया है. अमित शाह ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल और नीट की परीक्षाओं में पहली बार 27 प्रतिशत आरक्षण देने का काम बीजेपी की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया. हमने ओबीसी समाज से नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया. उन्होंने इन घोषणाओं के साथ ही कांग्रेस पार्टी को पिछड़ा वर्ग का विरोधी ठहराया.

OBC कार्ड खेलने के पीछे बड़ी रणनीति

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी द्वारा OBC कार्ड खेलने के पीछे बेहद सोची-समझी रणनीति नजर आ रही है. हरियाणा में ओबीसी समाज के वोटर्स की संख्या का आंकड़ा करीब 42% है और दक्षिण हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र की बात करें तो यहां यह आंकड़ा 70% से भी ऊपर चला जाता है.

OBC वोट बैंक के सहारे सत्ता हासिल करने की योजना

महेंद्रगढ़ में आयोजित इस रैली के जरिए अमित शाह ने ओबीसी समाज से एकत्रित होकर हरियाणा में लगातार तीसरी बार बीजेपी सरकार बनाने का आह्वान किया. बता दें कि OBC में वर्ग A और B दो कैटेगरी है और इस रैली के जरिए दोनों को ही साधने का प्रयास किया गया है. हालांकि, ज्यादा फोकस पिछड़ा वर्ग B पर रखा गया है.

भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माने जाने वाले अहीरवाल क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग B का ही वर्चस्व ज्यादा हैं और महेंद्रगढ़ में रैली करवाने के पीछे भी यही मकसद था, ताकि बीजेपी न केवल अपने पुराने गढ़ को बचाने में कामयाब हो सकें, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भी सरकार बनाने में इस वर्ग के बड़े वोट बैंक का अच्छा- खासा आशीर्वाद मिल सकें.

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