हरियाणा में 10 गांवों के लोगों का बड़ा फैसला, सरकारी स्कूल में ही पढ़ाएंगे बच्चे

महेन्द्रगढ़ | प्राइवेट स्कूलों के रवैए, मोटी फीस और किताबों व ड्रेस के नाम पर होने वाली लूट से परेशान हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के 10 गांवों के लोगों ने बड़ा फैसला लिया है. धनाैंदा गांव के पूर्व पंच घनश्याम सिंह ने बताया कि रविवार को कनीना में बुलाई गई बैठक में 10 गांवों के ग्रामीणों (अभिभावक) ने निर्णय लिया है कि अब अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही शिक्षा दिलाएंगे.

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कमीशन का अड्डा बने स्कूल

हाल ही में, महेन्द्रगढ़ जिले के उन्हाणी गांव के पास GL पब्लिक स्कूल की बस ड्राइवर और प्रिंसिपल की लापरवाही से हादसे का शिकार हो गई थी. इस दुर्घटना में 6 बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि 2 दर्जन से अधिक बच्चे घायल हुए हैं. इस घटना के बाद हर कोई स्तब्ध रह गया है और प्राइवेट स्कूलों की व्यवस्था को जमकर कोस रहा है.

बच्चों की जान के साथ खिलवाड़

इस बैठक में चर्चा हुई कि महंगी फीस और किताबें मुहैया कराने के बावजूद उनके बच्चों की सुरक्षा की कोई सिक्योरिटी नही है. ये स्कूल सिर्फ मोटी रकम और कमीशन का अड्डा बनते जा रहे हैं. इस हादसे के बाद सभी शहरों में प्राइवेट स्कूलों की बसों को जांचा गया है, जिनमें कई खामियां पाई गई है. बसों के कागजात पूरे नहीं है और कम पैसों में नौसिखिया ड्राईवर रखकर बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. ऐसे में हम अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कराएंगे.

इन गांवों के लोगों ने लिया फैसला

धनौंदा, खेड़ी, पाथेड़ा, झाड़ली, छिथरोली, उच्चत, तलवाना, अगिहार, पोता और उन्हाणी गांव के लोगों ने अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए उन्हें प्राईवेट स्कूलों में भेजते हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. इन स्कूलों की जमीनी हकीकत बिल्कुल विपरीत है.

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