हरियाणा के छोरे के हौसले को सलाम, चोट ने किया घायल तो जिद और जुनून से बदली अपनी किस्मत

महेन्द्रगढ़ | कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 के लिए 2017 में ट्रायल हो रहा था और हर एथलीट ट्रायल में अपना दम दिखाने के लिए बेताब था. इन्हीं एथलीटों में से एक, दो बार ओपन टूर्नामेंट स्टेट चैंपियन वेटलिफ्टर नवीन था जिसे पूरा भरोसा था कि वह कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए न केवल क्वालीफाई करेगा बल्कि आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में मेडल जीतकर हिंदुस्तान का नाम रोशन करेगा. दिमाग में सपनों की ऊंची उड़ान थी लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा था. ट्रायल से 15 दिन पहले चोट लगी और सारे सपने चकनाचूर हो गए. इसके बावजूद, हरियाणा के नवीन ने हौसला बनाए रखा और आज एक सफल फिटनेस ट्रेनर के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं.

naveen wetliffter

हरियाणा का छोरा महाराष्ट्र का चैंपियन

नवीन की कहानी बड़ी दिलचस्प है. राजस्थान सीमा पर महेन्द्रगढ़ ज़िले के एक छोटे से गांव के रहने वाले नवीन अपने सपने सच करने के लिए महाराष्ट्र पहुंच गए. वैसे तो हरियाणा के खिलाड़ियों को कुश्ती, कबड्डी में अव्वल माना जाता है लेकिन नवीन ने वेटलिफ्टिंग को चुना. 2013 में स्टेट चैंपियनशिप हुई और स्वर्ण पदक विजेता बने.

यह भी पढ़े -  हरियाणा की शाही ठाठ- बाट की शादी में हाथी पर बैठकर पहुंचा दूल्हा, दहेज में शगुन के तौर पर लिया मात्र 1 रूपया

62 kg वेट कैटेगरी में हिस्सा लेते हुए स्नैच में 113 kg और क्लीन एंड जर्क में 143 kg भार उठाते हुए गोल्ड मेडल जीता. बेटे की कामयाबी पर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

पिता के कहने पर हरियाणा चैंपियन बना

नवीन ने बताया कि पिता चाहते थे कि वो महाराष्ट्र तक सीमित न रहे और अपनों के बीच हरियाणा में खेल कर चैंपियन बनें. ऐसे में पिता के सपोर्ट के बाद हरियाणा से 2016 में स्टेट चैंपियनशिप खेलते हुए गोल्ड मेडल जीता. इस बार 67 kg भार वर्ग में हिस्सा लिया था. यहां स्नैच में 120 kg और क्लीन एंड जर्क में 145 kg भार उठाते हुए गोल्ड जीता.

दो अलग अलग राज्यों से स्टेट चैंपियन बनने के बाद मन में इच्छा जगी कि अब नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर चैंपियन बनने की तैयारियां शुरू की जाए. एक ही साल बाद 2017 में कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 के लिए ट्रायल होने वाला था. तैयारियां पूरी थी लेकिन होनी को कौन टाल सकता है.

यह भी पढ़े -  हरियाणा की शाही ठाठ- बाट की शादी में हाथी पर बैठकर पहुंचा दूल्हा, दहेज में शगुन के तौर पर लिया मात्र 1 रूपया

उन्होंने बताया कि मैं वजन बढ़ाने की कोशिश कर रहा था और इसमें कामयाबी भी मिल रही थी. मैं जानता था कि अब तक स्टेट लेवल पर खेला हूं और इंटरनेशनल लेवल के लिए मुझे अपनी तैयारियों को और मजबूत करना होगा.

15 दिन पहले लगी चोट

नवीन ने बताया कि ट्रायल में 15 दिन शेष थे. जिम में वर्कआउट के दौरान घुटना मुड़ गया. एक वेटलिफ्टर के लिए घुटना और कमर सबसे महत्वपूर्ण होता है और मैं घुटने में चोट खा चुका था. लिगामेंट इंजरी हुई तो सोचा कि अभी ट्रायल में 15 दिन बाकी हैं,सब ठीक हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मैं ट्रायल में भाग नहीं ले सका. दिल में इस बात का दुख हो गया कि मंज़िल के नजदीक से किस्मत वापस खींच ले आई. कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 हाथ से निकल गए.

यह भी पढ़े -  हरियाणा की शाही ठाठ- बाट की शादी में हाथी पर बैठकर पहुंचा दूल्हा, दहेज में शगुन के तौर पर लिया मात्र 1 रूपया

हरियाणा का छोरा लठ्ठ गाड़ देगा

नवीन ने कहा कि हमारे हरियाणा में एक कहावत बेहद मशहूर है ‘ हरियाणा का छोरा है, लठ्ठ गाड़ देगा.’ बस इसी बात से प्रभावित होकर फिटनेस ट्रेनर बनने की सोची. उसने बताया कि वह एथलीटों से ट्रैनिंग कोचिंग के पैसे नहीं लेता है. हां, अगर कोई फिटनेस के लिए ट्रैनिंग लेता है तो वह 25 हजार रुपए तक फीस लेता है जिससे उसके घर का खर्च चलता है.

प्रोफेशनल एथलीटों को ट्रैनिंग देकर चैंपियन बनते देखता हूं तो लगता है कि खुद चैंपियन बना हूं. नवीन से ट्रैनिंग पाकर अब तक 15 एथलीट ऐसे हैं जो स्टेट और नेशनल लेवल पर पदक हासिल कर चुके हैं.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit