महेंद्रगढ़ | हरियाणा के जिला नारनौल के मोहल्ला पुरानी मंडी में रहने वाले युवा पंकज ने अपनी मेहनत के दम पर एसआई का पद पाने में सफलता हासिल की है. पिता ने दिन- रात साइकिल का पेंचर लगा कर बेटे को पढ़ाया था. पंकज ने भी ठान लिया कि वह एक दिन कामयाब होकर अपने पिता को तोहफा देगा. ट्रेनिंग के बाद, जब पंकज घर लौटा तो वर्दी में देखकर परिवार को खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
ऐसे किया पंकज ने संघर्ष
ट्रेनिंग पूरी कर लौटे एसआई पंकज ने बताया कि उन्होंने 10वीं तक इलाके के डीवीए स्कूल में पढ़ाई की. फिर उन्होंने 11वीं और 12वीं पुल बाजार स्थित सरस्वती बाल मंदिर स्कूल से की. बीएससी पीजी कॉलेज नारनौल से की. उन्होंने एमएससी में भी प्रवेश लिया लेकिन इसे पूरा करने से पहले वे कोचिंग के लिए जीनियस अकादमी महेंद्रगढ़ चले गए. वहां सवा साल तक कोचिंग की. इस बीच उन्होंने डीवीए में शिक्षक के तौर पर भी काम किया और बच्चों को पढ़ाया. इस दौरान परिवार के लोगों ने काफी सहयोग किया.
चयनित होने पर खुशी का नहीं रहा ठिकाना
संघर्ष के बीच 31 अक्टूबर 2021 को वह समय आ ही गया, जब उन्हें जानकारी मिली कि उनका चयन हरियाणा पुलिस में एसआई पद के लिए हो गया है. ट्रेनिंग मधुबन में हुई. हालांकि, ट्रेनिंग एक साल की थी लेकिन इसमें करीब डेढ़ साल लग गए. वह अभी दो- तीन दिन की छुट्टी पर घर आये हैं. उन्हें पहली पोस्टिंग रेवाडी में मिली है.
परिवार के सहयोग से मिली सफलता
नारनौल में राजीव चौक स्थित पीजी कॉलेज के पास पिता विजय सिंह की साइकिल रिपेयरिंग की दुकान है. उनके पिता की दिन- रात की मेहनत और मां बिमला देवी समेत चार बहनों की दुआओं ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है. अब तो ऐसा लगता है कि अगर कोई भी इंसान कुछ भी हासिल करना चाहे तो वो कर सकता है. बाधाएं जरूर आती हैं लेकिन उन पर काबू पाकर भविष्य संवारा जा सकता है.
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