महेन्द्रगढ़ में कुदरत की मार से बेहाल किसान, सरसों की खड़ी फसल पर चला रहे हैं ट्रैक्टर

महेन्द्रगढ़ | जनवरी महीने में पड़ी कड़कड़ाती ठंड और पाले ने किसानों को चौपट कर दिया है. पाले की वजह से खराब हुई सरसों की फसल पर किसानों ने ट्रैक्टर चलाने शुरू कर दिए हैं. खराब हुई फसल की गिरदावरी न होने से किसान खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला रहे हैं. किसानों का कहना है कि अब तो सरकार से आस है. यदि सरकार ने मुआवजा नहीं दिया तो किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा.

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बता दें कि जनवरी महीने में लगातार एक हफ्ते तक भयंकर पाला जमा था, जिसके चलते सरसों की फसल में अच्छा- खासा नुकसान पहुंचा था. महेन्द्रगढ़ और आसपास के क्षेत्र में न्यूनतम तापमान शून्य से भी नीचे चला गया था. इससे सरसों की फसल के दाने खत्म हो गए थे.

खेतों में सिंचित पानी की बेहद कमी व लगातार तापमान में गिरावट ने सरसों को अपनी चपेट में ले लिया था और अधिकांश खेतों में 80 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान हुआ है. पाले का सबसे ज्यादा असर नांगल चौधरी, गोद बलाहा, नारनौल, महेंद्रगढ़, सतनाली, सीहमा और कांटी क्षेत्र में खड़ी सरसों की फसलों को हुआ. इसके अलावा, सब्जी की फसलों को भी जबरदस्त नुकसान पहुंचा था.

नांगल चौधरी क्षेत्र के नया गांव निवासी महावीर ने सरसों की खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. उन्होंने कहा कि पाले की वजह से फसल में 80-90 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है और इसी से परेशान होकर वह अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हैं. अब कम से कम यह खत्म हुई फसल खेत में खाद का काम तो करेगी.

धर्मवीर ने बताया कि अगर सरकार फसल खराबे का मुआवजा देती है तो किसान कुछ हद तक इस नुकसान से बच जायेगा वरना महंगे बीज,खाद व जुताई के खर्चे से पीड़ित किसान बर्बाद हो जाएगा. उन्होंने खट्टर सरकार से मांग करते हुए कहा है कि जल्द-से-जल्द किसानों को मुआवजा देकर राहत प्रदान की जानी चाहिए.

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