दिल्ली | राजधानी दिल्ली और फरीदाबाद में 15 और 10 साल से ऊपर के वाहन चलाने पर रोक लगा दी गई है. अब चाहे उस वाहन का आरसी यानी कि व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट 15 साल का ही क्यों न हो.या फिर वह वाहन किसी अदर स्टेट का हो और उस पर 15 साल का समय दिया गया हो.
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कटेगा चालान
बता दें, दिल्ली परिवहन विभाग ने यह घोषणा कर इस सूचना की जानकारी दी कि, 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों या 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहन चलाने वाले लोगों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. और ऐसा अपराध करने वाले का 39/192 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पॉल्यूशन और इंश्योरेंस का चालान काटा जाता हैं. इस मोटर व्हीकल एक्ट के तहत गाड़ी सील कर, इन गाड़ियों को ट्रैफिक पुलिस द्वारा इन्बोन्ड कर लिया जाता हैं और अगर गाड़ी किसी दूसरे के नाम पर है जिसका पता ट्रैफिक पुलिस काे जांच के दौरान लगता है तो गाड़ी चलाने वाले और जिसके नाम पर गाड़ी का आरसी है.
दोनों का ही चालान काटा जाता है. ट्रैफिक का कोई भी नियम तोड़ने पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले व्यक्ति पर वही नियम-कानून लागू होते हैं जो कि एक क्रिमिनल पर होते हैं. जैसे कि, उसके नाम पर समन निकालना, नोटिस निकालना, वारंट निकालना. साथ ही विभाग ने बताया, कि भारी जुर्माना लगाने के अलावा उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा या स्क्रैप कर दिया जाएगा.
अगर पुरानी गाड़ी चलानी है तो गाड़ी का करवाना होगा फिटनेस टेस्ट
केंद्र सरकार की तरफ से नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 साल से पुरानी गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट होना जरूरी होगा. इसके लिए देश के अलग-अलग जगहों पर फिटनेस सेंटर भी बनाए जाएंगे. फिटनेस टेस्ट में पास हुई गाड़ियों का दुबारा रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. और अगर गाड़ी का फिटनेस टेस्ट पास नहीं होता है तो उसे स्क्रैप कराना होगा.
क्या कहते हैं आंकड़े!
एक रिसर्च के मुताबिक देश में लगभग एक करोड़ गाड़ियां ऐसी है जो अनफिट हैं जिनका रजिस्ट्रेशन भी खत्म हो चुका है. वही बात करें राजधानी दिल्ली की तो पुरानी गाड़ियों का आंकड़ा देखें तो 20 साल पुरानी लगभग 36 लाख गाड़ियां हैं जिन्हें चलाने से रोका जाएगा.
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