नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए 3 नए अंतर्राज्यीय बस स्टैंड बनाने की योजना बनाई जा रही है. अगर सबकुछ उम्मीद के मुताबिक रहा और कोई तकनीकी अड़चन सामने नहीं आई, तो आने वाले कुछ सालों में दिल्ली को तीन नए ISBT मिलेंगे.
2 हजार बसों को बार्डर पर रोकने की योजना
इस परियोजना के सिरे चढ़ने से जहां दूसरे राज्यों की बसों को दिल्ली शहर के अंदर एंट्री करने से छुटकारा मिलेगा, तो वहीं दूसरी ओर प्रदुषण को कम करने में मदद मिलेगी. खासकर कश्मीरी गेट इलाके में ट्रैफिक जाम की स्थिति से जूझना नहीं पड़ेगा. इन तीनों ISBT को टीकरी बॉर्डर, नरेला और द्वारका- 21 में बनाया जाएगा. इनके बनने से बाहरी राज्यों की प्रतिदिन 2 हजार से ज्यादा बसें दिल्ली शहर के अंदर आने से बच सकेंगी.
जमीन खरीदने की प्रक्रिया तेज
दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (DTIDC) ने इसमें से द्वारका ISBT के लिए DMRC को सलाहकार कंपनी नियुक्त कर दिया है. टीकरी बॉर्डर के लिए जमीन लेने के लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है और नरेला की जमीन पर कब्जा हो जाने से दूसरे स्थान पर जमीन की तलाश की जा रही है.
दिल्ली की AAP सरकार और LG वीके सक्सेना की ओर से इस परियोजना पर सहमति जताई जा चुकी है और दोनों के प्रयासों से योजना आगे बढ़ रही है. गत दिनों LG की अध्यक्षता में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की मौजूदगी में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह साफ कर दिया गया कि इन मुद्दे पर तेजी से काम किया जाएगा.
नए भूखंड की तलाश शुरू
बता दें कि नरेला और द्वारका में ISBT बनाने की योजना काफी पुरानी है और इनकी फाइलें दफ्तरों में धूल फांक रही है. वहीं, टीकरी बार्डर की नई योजना सामने आई है. जमीन में व्यवधान आ जाने पर एलजी के निर्देश पर DDA ने नरेला ISBT के लिए नए भूखंड की तलाश तेज कर दी है.
इन परियोजनाओं पर परिवहन विभाग के अंतर्गत DTIDC इस पर काम कर रहा है. इन तीनों को सार्वजनिक- निजी भागीदारी (PPP) मोड में DMRC के माध्यम से चलाए जाने की योजना है. परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इनके बनने पर दिल्ली में प्राइवेट और सरकारी मिलाकर कम से कम 2,000 बसों के दिल्ली शहर में आने पर रोक लग सकेगी.
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