नई दिल्ली | जब से NEET परीक्षा का परिणाम आया है तब से घमासान मचा हुआ है. पूरे देश के स्टूडेंट नीट स्कैम की बात कह रहे हैं. लगभग 20 हजार स्टूडेंट्स ने कोटा के शिक्षाविद नितिन विजय के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अपनी अर्जी दी है. इस अर्जी में उन्होंने मांग की है कि नीट परीक्षा या तो दोबारा हो या ग्रेसिंग मार्क समाप्त किए जाए.
करीब 20000 विद्यार्थियों ने की शिकायत
मोशन एजुकेशन के संस्थापक और सीईओ नितिन विजय ने बताया कि नीट एक्जाम में अनियमतिताओं को लेकर मोशन की तरफ से चलाए जा रहे डिजीटल सत्याग्रह के तहत लगभग 20 हजार स्टूडेंट्स ने अपनी शिकायत दी है. इसके मद्देनजर वे शनिवार को याचिका लेकर दिल्ली पहुँचे थे. सोमवार को यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर होगी.
बच्चों ने उठाये बहुत से सवाल
याचिका में विद्यार्थियों की तरफ से कई प्रश्न उठाए गए हैं जैसे- इस बार ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक पर 67 स्टूडेंट्स रहे. पहली रैंक पर इतनी बडी संख्या में स्टूडेंट्स कैसे आ सकते है. स्टूडेंट्स को 720 में से 718, 719 नंबर कैसे दिए गए क्योंकि स्टूडेंट्स सारे सवाल सही करता तो 720 नंबर मिलते और एक भी गलत होता तो नेगेटिव मार्किंग क़े कारण अधिकतम 715 नंबर मिलते और एक सवाल छोड देता तो 716 अंक मिलते. एनटीए ने 14 जून को रिजल्ट जारी होने की संभावित डेट बताई गई थी, मगर परिणाम 10 दिन पहले ही चार जून की शाम को जारी कर दिया गया. आखिर ऐसा क्यों किया गया, इसकी क्या वजह है.
नीट की कट ऑफ इतनी ज्यादा क्यों?
इस बार नीट की कट ऑफ बहुत ज्यादा है. इसमें एक ही साल में 45 अंकों का वृद्धि देखने को मिली है. यह अपने आप में रिकॉर्ड है. बीते वर्ष जहां 605 नंबर पर 26 हजार 485 स्टूडेंट्स थे, इस साल उनकी संख्या 76 हजार कैसे हो गई. यह समझ से बाहर की बात है कि एक ही साल में बच्चे एक साथ तीन गुना इंटैलीजैंट कैसे हो गए. ऐसे में नीट परीक्षा लगातार सवालों के घेरे में घिरी हुई है. पिछले दिनों इसको लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई थी मगर विद्यार्थी और शिक्षक इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए उत्तरों से संतुष्ट नहीं है.
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