नई दिल्ली । एमबीबीएस डॉक्टर कौन नहीं बनना चाहेगा. मगर एमबीबीएस डॉक्टर बनना हर किसी के बस की बात नहीं है. इसके लिए लाखों, करोड़ों रुपए भी खर्च करने पड़ते हैं.जिस वजह से एमबीबीएस डॉक्टर का सपना गरीब लोगों के लिए सपना ही रह जाता है.मान लीजिए अगर कोई एगजाम क्लियर भी कर लेता है तो बाद में दिक्कत आती है वह फीस भरने की. एमबीबीएस की फीस लाखों करोड़ों के हिसाब से होती है जिस कारण एक मिडिल क्लास के व्यक्ति के बजट से परे होती है.
मगर अब फीस को लेकर राहत की खबर सामने आई है नेशनल मेडिकल कमीशन ने एमबीबीएस की फीस को लेकर बड़ा फैसला लिया है. नेशनल मेडिकल कमिशन ने हाल ही में निर्णय लिया है कि प्राइवेट कॉलेजों की 50% सीटों की फीस सरकारी कॉलेजों के अब बराबर होगी.
लगभग 20,000 छात्रों को होगा फायदा
आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए कि नेशनल मेडिकल कमीशन के इस फैसले से लगभग 20,000 मेडिकल स्टूडेंट को फायदा मिलेगा. बता दिया जाए कि देश में एमबीबीएस की लगभग 80,000 सीटें हैं. जिनमें से 40,000 निजी कॉलेजों में है और आधी सीटें यानि की 20,000 सीटों की फीस सरकारी कालेज के हिसाब से तय की जाएगी. एमबीबीएस की सालाना फीस लगभग 20 लाख से 30 लाख के आसपास होती है.
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