नई दिल्ली | पिछले 8 साल में पहली बार रेलवे बोर्ड ने नई परिसंपत्तियों के अनुपात में भारतीय रेलवे में नए पदों के सूजन करने की शुरुआत की है. नई ट्रेनें और मालगाड़ियां, नई रेल लाइनें, सेमी हाई स्पीड पर रेल चलाने के लिए ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम, टक्कररोधी नई तकनीक कवच, विद्युतीकरण आदि के रख रखाव, मरम्मत और सुरक्षित ट्रेन परिचालन के लिए इंडियन रेल (Indian Railways) में 80 हजार से ज्यादा नए पदों का सृजन हो सकता है.
दिसंबर तक पूरी होगी भर्ती प्रक्रिया
इसके अतिरिक्त, भारतीय रेल में 61,529 रिक्त पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया दिसंबर 2024 तक पूरी कर ली जाएंगी. रेलवे बोर्ड के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि विभाग में अधिकतर नए पदों का सृजन रेल संरक्षा वर्ग में किया जाएगा. इसमें मुख्य रूप से सिग्नल एंड टेलीकॉम, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रिकल-रोलिंग स्टॉक (ट्रेन इंजन, वर्कशॉप, लोको शेड), ट्रैफिक (ट्रेन परिचालन), मैकेनिकल (कोच) आदि विभाग में पदों का सृजन किया जाएगा.
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने वित्त मंत्रालय को लिखा पत्र
अधिकारी ने बताया कि 21 सितंबर, 2016 को रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया. इसके बाद, रेलवे में नए पदों के सूजन के लिए वित्त मंत्रालय से आज्ञा लेनी होती है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन व सीईओ सतीश कुमार ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है.
चेयरमैन व सीईओ सतीश कुमार ने वित्त मंत्रालय को लिखे पत्र में बताया है कि रेलवे ट्रैक, पुल, कोच, सिग्नल आदि का मरम्मत कार्य आउट सोर्सिस (ठेका पद्धित) से कराना व्यावहारिक नहीं है. यानी रेल संरक्षा से जुड़े कार्यों को ठेके के अपेक्षा रेलवे के स्थायी कर्मचारियों से करने की वकालत की गई है.
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