नई दिल्ली | हरियाणा सहित कई राज्यों के किसानों के लिए एक जरूरी खबर सामने आई है. साल 2023 के सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को इस साल से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ देने से वंचित करने के लिए दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की सरकार को पत्र लिखा है. केंद्र ने इन राज्यों के मुख्य सचिवों को इसे लागू करते हुए जल्द ही स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा है. इकोनॉमिक्स टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी साझा की है.
बता दें कि इसी साल 10 अप्रैल को सचिवों की समिति की एक बैठक हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार ने पराली के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कार्ययोजना तैयार की है. इसरो प्रोटोकॉल के तहत पराली जलाने वाले किसानों को MSP से प्रतिबंधित किए जाने का फैसला किया गया है.
वित्तीय वर्ष 2024- 25 में इस नियम को लागू करने की योजना सरकार द्वारा तैयार की गई है. एनएसआरसी और इसरो को ऐसे खेतों की मैपिंग की जिम्मेदारी दी गई है, जिन खेतों में पराली जलाई जाती हैं और इसके लिए एक प्रोटोकॉल तैयार किया गया है.
पंजाब- हरियाणा से सबसे ज्यादा मामले
केंद्र सरकार के नए आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में सबसे अधिक धान की खेती होती है. उसके बाद, हरियाणा का नंबर आता है. वहीं, पराली जलाने की घटनाओं के सबसे अधिक मामले भी इन्हीं दोनों राज्यों से सामने आते हैं. हाल ही में, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पंजाब सरकार को यह बताने का निर्देश दिया है कि वह चालू वर्ष में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करेगा.
NGT पंजाब में पराली जलाने के मामले पर सुनवाई कर रहा था. बता दें कि पराली जलाने से दिल्ली- एनसीआर क्षेत्र में सर्दियों में वायु प्रदुषण से स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है और लोगों का खुली हवा में सांस लेना दूभर हो जाता है. कई तरह की पाबंदियां लागू कर स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास किए जाते हैं.
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