नई दिल्ली | जल्द ही आपको टाटा ग्रुप बोतलबंद पानी बेचते हुए नजर आएगी. टाटा ग्रुप देश की नामी बोतलबंद पानी बेचने वाली कंपनी बिसेलरी का अधिग्रहण करने जा रही है. बता दें कि टाटा ग्रुप अपने सहयोगी कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट लिमिटेड के तहत बिसलेरी इंटरनेशनल को 6,000 से 7,000 करोड़ रूपये में अधिग्रहण करने वाली है. इस डील के तहत बिसलेरी का मौजूदा प्रबंधन ही 2 साल तक कंपनी के कामकाज को देखेगा. बिसलेरी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, बोतलबंद पानी के कारोबार में कंपनी के 60 फीसदी हिस्सेदारी है.
मौजूदा समय में 122 से अधिक प्लांट है चालू
मौजूदा समय में बिसेलरी के 122 से अधिक चालू प्लांट है. साथ ही, डिसटीब्यूशन के लिए भारत में 5,000 ट्रकों के साथ 4,500 से अधिक इसका डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क है. मिनरल वाटर के अलावा बिसलेरी इंटरनेशनल प्रीमियम हिमालयन स्प्रिंगवॉटर भी बेचता है. देश में बोतलबंद पानी का बाजार 20,000 करोड रुपए से अधिक का है. अब टाटा के साथ डील होने की वजह से टाटा ग्रुप की एंट्री लेवल, मिड सेगमेंट और प्रीमियम पैकेज्ड वॉटर कैटेगरी में हो जाएगी. इससे टाटा कंजूमर को बहुत बड़ा मार्केट आसानी से मिल जाएगा.
इस प्रकार हुई थी बिसलेरी कंपनी की शुरुआत
बता दें कि बोतलबंद पानी बेचने वाली बिसलेरी कंपनी की शुरुआत एक दवा कंपनी के तौर पर की गई थी, जो मलेरिया की दवा बेचती थी. इसके संस्थापक इटली के बिजनेसमैन Felice Bisleri थे. उनकी मौत के बाद उनके फैमिली डॉक्टर रॉसी ने बिसलेरी को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उठाई. भारत में डॉक्टर रोसी ने वकील खुशरू संतकू के साथ मिलकर बिसलरी लांच की. 1969 में बिसलेरी वॉटर प्लांट शुरू होने के ठीक 4 साल बाद रमेश चौहान ने विश्वरी को महज 4,00,000 रूपये में खरीद लिया.
तभी से लेकर इस कंपनी का मालिकाना हक रमेश चौहान के पास है. मौजूदा समय में वह 82 वर्ष के हो गए हैं. उनकी बेटी जयंती की दिलचस्पी इस बिजनेस में नहीं है, जिस वजह से अब वह इसे बेचना चाहते हैं.
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