नई दिल्ली | रिटायर होने वाले सैनिक या अग्निवीर को भविष्य में रोजगार के लिए मुश्किलों का सामना नहीं करना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि वह सेना से कौशलवीर बनकर बाहर निकलेंगे. सेना ने अपने जवानों एवं अग्निवीरों को लगभग 500 किस्म के रोजगारपरक कौशल देने के लिए एक नई योजना की शुरुआत करने का निर्णय लिया है. इस स्कीम का नाम “कौशलवीर योजना” होगा.
दी जाएगी एक्स्ट्रा ट्रेनिंग
सेना के जवान सुरक्षा ड्यूटी के अलावा भी अन्य किस्म के तकनीकी कार्य करते है. इन्हीं के आधार पर पांच सौ किस्म के कार्यों कों चिह्नत किया गया है. सेवानिवृत्ति से पूर्व जवानों को उनके अनुरूप एक्स्ट्रा ट्रेनिंग दी जाएगी. प्रशिक्षण देकर उन्हें उद्योग जगत की आवश्यकता के अनुरूप तैयार किया जाएगा ताकि रिटायरमेंट के बाद उन्हें तुरंत बाजार में रोजगार मिल सके. सेना के सूत्रों के मुताबिक, यह योजना नई शिक्षा नीति और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCF) के अनुरूप है तथा इसे नेशनल स्किल डवलपमेंट काउंसिल की सहायता से तैयार किया जा रहा है.
अधिकतम उपप्रबंधक स्तर का मिल पायेगा रोजगार
योजना के तहत, जवानों एवं अग्निवीरों के कौशल को नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के साथ जोड़ा जाएगा और जरूरी ट्रेनिंग देकर उन्हें नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन लेवल 5.5 के अनुरूप सार्टिफिकेट दिए जाएंगे. इसमें अधिकतम उप प्रबंधक स्तर का रोजगार मिल पायेगा. सेना की ओर से कौशलीवीर परियोजना का जो खाका तैयार किया गया है, उसके मुताबिक करीब 500 किस्म के कौशल को चिह्नत किया गया है.
पूरे देश में 37 स्किल सेंटर काउंसिल
इनमें से किसी एक कौशल से एक जवान को लैस किया जाएगा. इसके लिए पूरे देश में 37 स्किल सेक्टर काउंसिल और उससे संबद्ध 100 ट्रेनिंग संस्थानों की भी सहायता ली जाएगी. परियोजना में कौशल प्रमाण- पत्र देने वाली 17 एजेंसियों एवं आकलन करने वाली 40 एजेंसियों की हेल्प भी ली जाएगी. यह योजना नियमित सैनिकों और अग्निवीर- दोनों के लिए होगी मगर अग्निवीरों को इस योजना का ज्यादा लाभ मिलेगा क्योंकि वह कम उम्र के होंगे और बढ़- चढ़ कर इस योजना में भाग लेंगे.
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