नई दिल्ली | सेना द्वारा अग्निवीरों से संबंधित एक बड़ा फैसला लिया गया है. इस फैसले से अग्नि वीरों को तोहफा मिलने वाला है. सेना की ओर से अग्निवीरों की स्थायी नियुक्ति के भर्ती पैमाने के लिए जारी दिशानिर्देशों में एक और महत्वपूर्ण पहलू जोड़ा गया है. जम्मू-कश्मीर में लम्बे वक़्त से चल रहे आतंकवाद रोधी अभियानों (सीआइ-आप्स) और पूर्वी लद्दाख में पिछले लगभग चार सालों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चल रहे विवाद जैसी कठिन सरहदी परिस्थितियों के बीच दुश्मन से मातृभूमि की रक्षा करने के लिए यदि किसी अग्निवीर को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा तो उसे भारतीय सेना में 4 साल बाद शत-प्रतिशत स्थायी नियुक्ति (परमानेंट कमीशन) दी जाएगी.
पिछले महीने 31 अक्टूबर कों जारी हुए दिशानिर्देश
सेना से मिली जानकारी के मुताबिक, उसका यह फैसला पिछले साल बीच में सशस्त्र सेनाओं (सेना, वायुसेना और नौसेना) में जवानों की 4 साल की भर्ती के लिए जारी की गई रक्षा मंत्रालय की अग्निपथ योजना में स्थायी नियुक्ति पाने वाले 25 फीसद अग्निवीरों के भर्ती पैमाने (मेरिट लिस्ट) से जुड़े हुए दिशानिर्देशों का एक अहम हिस्सा है. इसे पिछले माह की 31 अक्तूबर को सेना ने जारी किया है.
जैसा कि आप सब जानते है मंत्रालय ने गत वर्ष अग्निपथ योजना को जारी करते हुए ये साफ किया गया था कि 4 साल की अवधि के बाद केवल 25 फीसदी अग्निवीरों को ही सेना में स्थायी नियुक्ति मिलेगी जबकि 75 फीसदी को 4 साल बाद सेना से बाहर कर दिया जाएगा.
स्थायी नियुक्ति का मिलेगा मौका
वर्तमान समय में सेना ममें करीब 40 हजार अग्निवीरों के दो बैच शामिल किये गए है. दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि किसी अग्निवीर को आतंकवाद रोधी अभियानों या LAC विवाद जैसी मुश्किल परिस्थितियों में तैनात सेना की किसी यूनिट में ड्यूटी दी जाती है तो उसे स्थायी नियुक्ति को लेकर दो तरह से लाभ मिलेगा.
एक तरफ चार साल की सेवा के दौरान हर साल किये जाने वाले आकलन से उसे एक बार की छूट दी जाएगी और दूसरी तरफ दुश्मन देश की सेना के साथ किसी झड़प या संघर्ष की स्थिति में मातृभूमि की रक्षा के लिए प्रदर्शित की गई असाधारण वीरता के लिए सशस्त्र सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति की तरफ से वीरता पुरस्कारों (अशोक चक्र, परमवीर चक्र, महावीर चक्र और सेना मेडल) से सम्मानित किए जाने पर अग्निवीर को 48 महीने बाद सेना में स्थायी नियुक्ति का अवसर दिया जाएगा.
मेडिकल और अनुशासन में रहना होगा अव्वल
इसमें हालांकि संबंधित अग्निवीर को मेडिकल आधार पर और डिसिप्लिन के मामले में भी आगे रहना होगा. सेना द्वारा ‘आर्मी साफ्टवेयर फार अग्निपथ एडमिनिशट्रेशन एंड नेटवर्किंग’ (Asaan) के माध्यम से एक केंद्रीयकृत आंकड़ा कोष (डेटाबेस) तैयार किया जा रहा है, जिसमें अग्निवीरों के भर्ती पैमाने शाखा (आर्म), सेवा (रेजिमेंट) और लिंग (जेंडर) के बेस पर विस्तृत रूप से तैयार किये जायेंगे. सूत्रों के मुताबिक, वीरता पुरस्कारों के अतिरिक्त दिशानिर्देशों में एक अन्य जरूरी बिंदू को भी शामिल किया गया है.
4 साल की सेवा में चार बार होगा आकलन
इसमें राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी खेलकूद गतिविधि में देश के लिए पदक जीतने वाले और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने वाले अग्निवीर को भी चार साल की अवधि के बाद सेना में स्थायी नियुक्ति का अवसर प्रदान किया जाएगा. सेना की ओर से चार साल की सेवा के दौरान अग्निवीर का चार बार परीक्षाओं के माध्यम से आकलन होगा.
इसमें एक बार आकलन नियुक्ति केंद्र में किया जाएगा और शेष तैनाती की यूनिटों में होगा. पहला आकलन 18 महीने की सेवा होने के बाद महीने भर के भीतर होगा. दूसरा 30 महीने की नौकरी होने के बाद एक महीने में किया जाएगा, तीसरा 30 से 31 महीने के अंदर और चौथा आकलन 42वें महीने में किया जाएगा.
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