नई दिल्ली | बीते लंबे समय से अब तक चल रहें किसान आंदोलन का हल अभी तक नहीं निकल पाया है. अब तक किसान अपने आंदोलन को जारी रखे हुए हैं और केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर डटे हुए हैं. ऐसे में हरियाणा के किसान चौटाला परिवार पर सत्तारूढ़ बीजेपी से नाता तोड़ने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं. जिसके बाद से इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय सिंह चौटाला जी ने थोड़े दिनों पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया है और अब अजय सिंह चौटाला के इस्तीफे की मांग की जड़े भी मजबूती पकड़ने लगी है.
केंद्र सरकार ने लागू किया है कानून, हरियाणा के मंत्रीयो के इस्तीफ़ा देने से कुछ नहीं है मुमकिन
हालंकि, इस मामले में पलटवार कर अजय सिंह चौटाला ने साफ़ तौर पर कह दिया है कि अगर किसान आंदोलन का कोइ हल निकलता है तो फ़िर मैं अभी इस्तीफा देता हूं. साथ साथ ही उन्होंने उन्होनें प्रश्न का गोला दागते हुए कहा कि अभय चौटाला के इस्तीफे से किसान आंदोलन का कोइ हल निकला है क्या? आगे की वार्ता में उन्होंने कहा कि कानून केंद्र सरकार की ओर से बनाया गया है और इसमें हरियाणा के 10 सांसदों व हरियाणा से राज्य सभा सांसदों को इस्तीफा देना चाहिए न कि हरियाणा के किसी भी मंत्री के इस्तीफ़ा देने से कुछ भी होने वाला है.
उन्होंने यह भी कहा कि यदि दुष्यंत चौटाला के इस्तीफा देने से कृषि कानूनों का कोई हल निकल सकता है तो फिर दुष्यंत सिंह चौटाला का इस्तीफा मेरी जेब में है. इस मामले का हल निकालने के लिए कुल 5 मिनट भी इस्तीफा देने में हम नहीं लगाएंगे.
एक कदम पीछे हट कर ही निकाला जा सकता हैं कोई हल
किसान आंदोलन पर उन्होंने विस्तार पूर्वक अपना पक्ष रखते हुए कहा कि दोनों पक्षों को सकारात्मक बातचीत करके इस मामले का कोई हल निकालना चाहिए. साथ ही साथ सबसे ज्यादा ज़रूरी यह है कि दोनों को एक कदम पीछे हट कर इस मामले का हल ढूंढ़ना चाहिए अन्यथा कोई हल नहीं निकल सकता है. ऐसे में सांसदों के इस्तीफे से तो केंद्र सरकार पर फर्क पड़ सकता है किंतु हरियाणा के किसी भी मंत्री के इस्तीफा देने से कोई भी फर्क नहीं पड़ सकता हैं.
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