नई दिल्ली | TDS (Tax Deduction at Source) के नए प्रावधान को लेकर फैलें भ्रम को दूर करने का फाइनेंस मिनिस्ट्री ने फैसला लिया है. एक वरिष्ठ टैक्स अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ये नए प्रावधान बिजनेस और प्रोफेशन में मिलने वाले बेनिफिट से जुड़े हैं.
बजट 2022-23 में किया गया था ऐलान
फाइनेंस मिनिस्ट्री में ज्वाइंट सेक्रेटरी कमलेश सी वार्ष्णेय ने बताया कि ये बेनिफिट आय का स्त्रोत मानें जाएंगे और इन पर टैक्स लगेगा. चाहे ये कैश में मिले या दूसरे तरीके से. TDS के तहत इस प्रावधान का ऐलान बजट 2022-23 में किया गया था. बजट में IT Act के तहत नया सेक्शन 194R जोड़ा गया है. इसमें 20 हजार रुपये से अधिक के बेनिफिट पर TDS 10 प्रतिशत होगा. चाहे वह नौकरी में हो या बिजनेस में. यह प्रावधान 1 जुलाई से लागू हो रहा है.
सैलरी से इतर बेनिफिट पर कोई भी व्यक्ति टैक्स नहीं दे रहा
ज्वाइंट सेक्रेटरी ने बताया कि नौकरी या कारोबार में इस तरह की आय पर कोई भी व्यक्ति टैक्स नहीं दे रहा था, जिसे विभाग ने लीकेज माना है. इसलिए अब नई धारा जोड़ी गई है और अब 194R को लेकर जो भी डाउट है, उसे साफ किया जाएगा. एसोचैम के कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि डॉक्टरों को सैंपल में मिलने वाली मुफ्त मेडिसिन, फ्री IPL Ticket, विदेश यात्रा का मुफ्त टिकट के बारे में अब टैक्सपेयर को बताना होगा और इसकी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) में बतानी होगी.
कमलेश सी वार्ष्णेय ने कहा कि अगर किसी डॉक्टर को फ्री सैंपल मिल रहा है तो उसे बेनिफिट की तरह दिखाना चाहिए. यह आय है, चाहे भले ही फार्मा कंपनी इसे सेल्स प्रमोशन के तौर पर बताए. कंपनी इसके लिए क्लेम कर सकती है लेकिन वह प्रमोशन टैक्सेबल आय होगी.
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