नई दिल्ली| अब सरकार की ओर से 8 घंटे से भी ज्यादा काम करने पर सभी कर्मचारियों को ओवरटाइम देने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में सरकार द्वारा नए श्रम कानूनों (New Labour Laws) को लेकर नया प्लान तैयार करने पर विचार किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट को आधार मानते हुए अगर हम इस बारे में बात करें तो सरकार कामकाजी घंटों को सीमित करने पर विचार कर रही है. अगर इसके बाद किसी व्यक्ति से ज्यादा घंटे तक काम करवाया जाता है ,तो इसके लिए ओवर टाइम के हिसाब से उसका भुगतान किया जाएगा. क्या हम आपको मुख्य रूप से बता दें कि फिलहाल, स्टैंडर्ड नियमों (Standard Rules) के मुताबिक 8 घंटे ही काम कर सकते हैं. इसी के आधार पर कर्मचारी की सैलरी तय की जाती हैं.
यहां विशेष रुप से ध्यान देने वाली बात यह है कि वर्ष 2019 में सरकार ने नया वेतन कोड (New Wage Code) पास किया था, जिसके तहत कामकाजी घंटों (working hours) को लेकर साफ़ तौर पर कहा गया कि ये 8 घंटे या 12 घंटे ही होंगे. तब से लेकर आज तक इस विषय पर कश्मकश आज भी बनी हुई है. सूत्रों ने कहा कि एक गलत धारणा थी कि नया श्रम कानून 12 घंटे कर्मचारी से काम करवाने की इजाजत देता है, किन्तु अब इस गलत धारणा को खत्म करने के मुख्य उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है.
15 से 30 मिनट एक्स्ट्रा काम करवाने पर देना होगा ओवरटाइम
फैक्टरीज एक्ट के अन्तर्गत कंपनियां अपने यहां काम करने वाले ज्यादातर लोगों से लगभग 9 घंटे से भी अधिक काम करवाती है ,किंतु उन्हें ओवर टाइम नहीं देती है. ऐसा केवल इसलिए है क्योंकि मौजूदा व्यवस्था के अनुसार अगर कोई भी लेबर अपने काम के घंटों के बाद 30 मिनट से कम का समय काम में देता है, तो उसे ओवरटाइम नहीं दिया जाता है. परंतु, अब आने जा रहे नए श्रम नियमों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति 15 मिनट से 30 मिनट का समय एक्स्ट्रा अपने काम को देता है तो उसे आधे घंटे के ओवरटाइम के अंतर्गत ही गिना जाएगा और उसी के हिसाब से उसकी सैलरी का भुगतान कम्पनी की ओर से किया जाएगा.
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