नई दिल्ली | अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को केंद्र सरकार के एक फैसले से राहत मिलने वाली है. अब एम्स में मरीजों को बेड की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा. अक्सर प्राइवेट वार्ड में भी खर्च उठाने को तैयार मरीजों को बेड खाली नहीं होने की बात कहकर वापस लौटा दिया जाता था लेकिन अब प्राइवेट वार्ड में बेड खाली होने पर जरूरतमंद मरीजों को भर्ती लेने से मना करना अस्पताल प्रबंधन को महंगा पड़ सकता है.
बता दें कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने निर्देश दिए हैं कि अब प्राइवेट वार्ड के खाली बेड की संख्या एम्स के पोर्टल पर ऑनलाइन प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा. इस व्यवस्था से मरीजों को जानकारी मिल सकेगी कि प्राइवेट वार्ड में बेड खाली हैं या नहीं. वर्तमान समय में एम्स के प्राइवेट वार्ड में बेड की संख्या का आंकड़ा 288 है और इसके अलावा, 100 कमरों का एक नया प्राइवेट वार्ड भी बनकर तैयार हो चुका है.
300 रुपए तक जांच मुफ्त
एम्स प्रशासन ने गत 19 मई को एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत अस्पताल में 300 रुपए तक के मेडिकल टेस्ट बिल्कुल मुफ्त में किए जाएंगे. हालांकि, इस वजह से होने वाले वित्तीय नुकसान की भरपाई के लिए एम्स प्रशासन ने एक जून से प्राइवेट वार्ड का शुल्क दोगुना तक बढ़ा दिया था. वहीं, प्राइवेट वार्ड में बेड की उपलब्धता आनलाइन प्रदर्शित करने के फैसले पर एम्स प्रशासन ने कहा है कि इससे पैसा खर्च करके एम्स में बेहतर सुविधा पाने के इच्छुक मरीजों को फायदा होगा.
पिछले हफ्ते ही एम्स की गवर्निंग बाडी की एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इन दोनों योजनाओं के एक साल पूरा होने पर समीक्षा करने के निर्देश जारी किए हैं ताकि वित्तीय नफा नुकसान का सटीक आंकड़ा मिल सकें. इसके अलावा, एम्स प्रशासन ने धूम्रपान मुक्त परिसर बनाने का फैसला लिया है. इसके तहत एम्स में कहीं भी धूम्रपान करने पर 200 रुपये जुर्माना ठोका जाएगा.
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