नई दिल्ली । किसान तीनों केंद्रीय कृषि कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं. राकेश टिकैत के साथ किसानो का धरना प्रदर्शन लगातार जारी है. शुक्रवार को किसानों का धरना प्रदर्शन 86वे दिन में प्रवेश कर चुका है. दिल्ली एनसीआर के चारों बॉर्डर पर किसान बड़ी संख्या में जमा है और तीनों केंद्रीय कृषि कानून को रद्द करने के मांग कर रहे है. पर अब दिल्ली से सटे सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर हजारो युवा धरना प्रदर्शन से दूरी बनाने लगे हैं. तो गाजीपुर बॉर्डर पर भी हालात ठीक नहीं है.
लगातार घट रही संख्या
तीनों कृषि कानून के विरोध में बैठे प्रदर्शनकारियों की संख्या कम होती जा रही है. बृहस्पतिवार को किसानो ने चार घंटे रेल रोकने की घोषणा की थी. अब धीरे धीरे किसानो के पंडाल खाली दिखाई देने लगे हैं. वहीं अब इंधन के बढ़ते दामों के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर साथ लेकर पैदल मार्च किया. पिछले महीने 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर मार्च के नाम पर दिल्ली में हुए उपद्रव के बाद प्रदर्शनकारियों की संख्या घट रही है.
चाहे खड़ी फसल जलानी पड़े पर घर वापसी नहीं: राकेश टिकैत
बताया जा रहा है कि मार्च-अप्रैल में गेहूं की कटाई में किसानों की संख्या कम हो सकती है, क्योंकि किसान अपनी फसलों की कटाई करने के लिए घर जायँगे. वही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत कह रहे हैं कि “सरकार किसी भी भ्र्म में ना रहे. किसान कानून रद्द हुए बिना अपने घर वापसी नहीं करेंगे. केंद्र सरकार कर रही है की 2 माह में कृषि कानून विरोध आंदोलन खत्म हो जाएगा क्योंकि किसान अपनी फसल काटने के लिए गांव वापस जाएंगे, लेकिन किसान को चाहे अपनी खड़ी फसलों में आग लगानी पड़े पर वह आंदोलन समाप्त नहीं होने देंगे”.
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