नई दिल्ली | दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी- मॉडल ट्रांजिस्ट सिस्टम (DTC) द्वारा 350 कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया गया है. बता दें कि इसी कंपनी द्वारा दिल्ली में डीटीसी की क्लस्टर बसों के संचालन की मॉनिटरिंग का काम किया जाता है. यह कर्मचारी पिछले 10 सालों से कंपनी के साथ काम कर रहे हैं. अब उन्हें नोटिस थमा कर जानकारी दी गई है कि उनकी सेवाएं 19 जून को समाप्त हो जाएंगी. इसी बात को लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है.
कर्मचारियों ने किया विरोध
कर्मचारियों द्वारा शुक्रवार को इसी विषय में राजघाट डिपो पर इकट्ठा होकर विरोध जताया गया. उनका कहना है कि दिल्ली सरकार और डिम्ट्स के अधिकारियों ने उनके साथ वादाखिलाफी की है. अब वह कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. क्लस्टर कर्मचारी विकास सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2013 में उनकी नियुक्ति डिम्ट्स द्वारा की गई थी. उनके साथ करीब 350 कर्मचारी भी 10 सालों से इसी कंपनी में काम कर रहे हैं. अब कंपनी ने उन्हें 19 जून को सेवा से निकाले जाने की सूचना देते हुए नोटिस थमा दिया है.
कर्मचारियों के सामने आया रोजगार का संकट
चुनाव आचार संहिता के दौरान जानबूझ कर कंपनी द्वारा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, ताकि सरकार द्वारा भी इसमें दखलअंदाजी ना की जा सके. दिल्ली सरकार (Delhi Govt) कर्मचारियों को नियमित किए जाने का वादा कर चुकी है, लेकिन अब उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है. ऐसे में इन कर्मचारियों के परिवारों के सामने अपनी आजीविका चलाने का संकट आन खड़ा हुआ है.
वोट के माध्यम से देंगे अपना जवाब
इस बारे में जानकारी देते हुए डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी और महामंत्री मनोज शर्मा ने बताया कि हम डिम्ट्स कंपनी के निर्णय का विरोध करते हैं. उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के साथ सरकार ने धोखा दिया है और इसका जवाब वोट के माध्यम से दिया जाएगा. वह अपने हक के लिए न्यायालय का रुख करेंगे.
शर्तों के अनुसार दिया गया नोटिस- डिम्ट्स अधिकारी
इस बारे में डिम्ट्स के अधिकारियों ने बताया कि उनके पास क्लस्टर संख्या 2 से 9 तक कुल 10 साल की अवधि के लिए कॉन्ट्रैक्ट था. शर्तों के अनुसार ही कर्मचारियों को नोटिस दिया गया है. कंपनी के पास क्लस्टर मोनेटरिंग का काम ही नहीं है तो वह कर्मचारियों को ना तो काम पर रख सकते हैं और न हीं वेतन दे सकते हैं. कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला गया है. डिम्ट्स कंपनी को हरियाणा में काम मिला है. इसी आधार पर कर्मचारियों को विकल्प दिया गया है.
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