नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदुषण से हालात बहुत ज्यादा खराब हो चुके हैं. शहर की आबोहवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि लोगों का खुली हवा में सांस लेना दुभर हो गया है. ऐसे में बढ़ते प्रदुषण को लेकर दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने वाली ऐप बेस्ड टैक्सियों की इंट्री पर बैन लगा दिया गया है.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली से बाहर रजिस्टर्ड ओला- उबर सहित ऐप बेस्ड दूसरी टैक्सियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. दिल्ली में सिर्फ यही की रजिस्टर्ड ऐप बेस्ड टैक्सियों के संचालन को ही अनुमति रहेगी. मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस का कहना है कि दिल्ली में अगले पांच से सात दिन प्रदुषण से राहत मिलने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है.
सांस लेना 10 सिगरेट पीने के बराबर
दिल्ली में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डाक्टर राजेश चावला ने बताया कि राजधानी में प्रदुषण जानलेवा साबित हो रहा है. यहां खुली हवा में सांस लेना मतलब 10 सिगरेट पीने के बराबर है. ज्यादा देर तक प्रदुषित वायु में रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जैसी सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.
वहीं, प्रदुषित वायु के चलते दिल्ली सरकार ने समय से पहले सर्दियों की छुट्टियां घोषित कर दी है. दिल्ली में 9 से 18 नवंबर तक विंटर वेकेशन रहेगा. दिल्ली में प्रदुषण का सबसे बुरा असर छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों पर पड़ रहा है. प्रदुषण से बिगड़े हालातों के चलते 8 देशों ने 14- 27 नवंबर तक लगने वाले इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में आने से इंकार कर दिया है.
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