नई दिल्ली, Bank Privatization | सरकार निजीकरण की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है, वही कर्मचारी लगातार इसका विरोध करने में लगे हुए हैं. इन सबके बावजूद सरकार ने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है. इसी दिशा में अब सितम्बर महीने में IDBI बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. विभाग से संबंधित एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से सितम्बर महीने के अंत तक बैंक के निजीकरण के लिए प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
जल्द बिकेगा यह सरकारी बैंक
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने अमेरिका में आईडीबीआई की बिक्री के लिए रोड शो किया था. केंद्र सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती हैं. मौजूदा समय में सरकार और एलआईसी दोनों को जोड़ दे तो दोनों के पास इस बैंक की 94% हिस्सेदारी है. अभी तक इसका फैसला नहीं किया गया है कि कितने परसेंट हिस्सेदारी को भी बेचा जाएगा. मंत्रियों के समूह की तरफ से इसको लेकर अंतिम फैसला किया जाएगा.
सरकार और एलआईसी के पास है 94% हिस्सेदारी
आईडीबीआई बैंक में सरकार की 45.48% हिस्सेदारी है, वहीं दूसरी ओर एलआईसी की 49.24% हिस्सेदारी है. सरकार और एलआईसी आईडीबीआई बैंक में अपनी कुछ परसेंट हिस्सेदारी को बेचना चाहते है. उसके बाद खरीदारों को मैनेजमेंट कंट्रोल भी सौंप दिया जाएगा. आरबीआई की तरफ से 40% से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दी जा सकती है. सरकार ने इसके लिए कई कंपनियों की लिस्ट बनाई है जिनका निजीकरण किया जाएगा.
इन कंपनियों का किया जाएगा निजीकरण
तकरीबन आधे दर्जन से अधिक सार्वजनिक कंपनियों की सूची तैयार कर ली गई है इसमें शिपिंग कॉर्प, कॉनकॉर, विजाग स्टील, आईडीबीआई बैंक, एनएमडीसी का नगरनार स्टील प्लांट और एचएलएल लाइफकेयर को शामिल किया गया है. इसके साथ ही सरकार चालू वित्त वर्ष 2022- 23 में अब तक सरकार केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश से 24000 करोड रुपए से अधिक पैसा जुटा चुकी है.
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